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यात्रा अधूरी छोड़ लौट रहे विदेशी पर्यटक

By Edited By: Published: Thu, 21 Aug 2014 11:18 PM (IST)Updated: Thu, 21 Aug 2014 11:18 PM (IST)
यात्रा अधूरी छोड़ लौट रहे विदेशी पर्यटक

श्रावस्ती: नेपाल से आया जल सैलाब विदेशी पर्यटकों की डगर में बाधक बन गया है। बाढ़ के कारण बौद्ध परिपथ पर आवागमन बाधित हो जाने के कारण बौद्ध तीर्थ यात्री कपिलवस्तु नहीं पहुंच पा रहे हैं। मन मसोस कर विदेशी तीर्थयात्री अधूरी यात्रा छोड़ अपने वतन वापस लौट रहे हैं। 15 अगस्त को आई भीषण बाढ़ ने बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर जिले में भीषण तबाही मचाई है। सैलाब के पानी से सड़कें बह गई हैं। इससे बौद्ध परिपथ समेत अन्य मार्गो पर आवागमन ठप हो गया है। इन दिनों वर्षावास का समय होने के कारण देश-विदेश के बौद्ध धर्मावलंबी बौद्ध तीर्थ स्थलों का भ्रमण कर रहे हैं लेकिन बौद्ध परिपथ पर आवागमन बंद होने के कारण प्रसिद्ध तीर्थस्थल कपिलवस्तु नहीं पहुंच पा रहे हैं। बौद्ध धर्मावलंबी अपनी तीर्थ की यात्रा अधूरी छोड़ वापस लौट रहे हैं।

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श्रीलंका से आए 120 पर्यटकों में से धम्मपाल व विनोद शेरली बताते हैं कि बाढ़ की वजह से वे लोग श्रावस्ती से ही वापस लौट जाएंगे। बुद्ध एवं जैन तीर्थ क्षेत्र में लगभग 20 वर्षो से प्रवास कर रहे श्रीलंका मंदिर के अधिपति श्रद्धालोक महाथेरो कहते हैं कि इस बौद्ध तीर्थ क्षेत्र में ऐसी आपदा पहले कभी नहीं आई। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पड़ोसी देश नेपाल के साथ मिलकर ऐसी कोई पहल करनी चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी आपदा की पुनरावृत्ति न हो। म्यामार मंदिर के मठाधीश यूबोथा का कहना है कि श्रावस्ती तीर्थ क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ को देख कर मन डर गया। मठ-मंदिरों में पानी भर जाने से मंदिरों की व्यवस्था चरमरा गई है। 10 वर्षो से श्रावस्ती में रह रहे इंडिया मंदिर के भंते धम्म रतन कहते हैं कि तीर्थ क्षेत्र में बाढ़ के दौरान काफी दुश्वारियां झेलनी पड़ी। मंदिरों व तीर्थ यात्रियों के सामान काफी मात्रा में खराब हो गए। सेचेन बौद्ध बिहार के भिक्षु कीनले कहते हैं कि अचानक आई इस विपदा ने देश ही नहीं विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी झकझोर दिया है।


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