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तीन साल में 151 पीड़ित : साल दर साल बढ़े एड्स रोगी

श्रावस्ती : नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन (नाको) देश भर में एचआइवी वायरस की रोकथाम को ल

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 12:21 AM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 12:21 AM (IST)
तीन साल में 151 पीड़ित : साल दर साल बढ़े एड्स रोगी
तीन साल में 151 पीड़ित : साल दर साल बढ़े एड्स रोगी

श्रावस्ती : नेशनल एड्स कंट्रोल आर्गनाइजेशन (नाको) देश भर में एचआइवी वायरस की रोकथाम को लेकर भले ही तमाम दावे कर रहा हो, लेकिन तमाम सरकारी और गैर सरकारी प्रयासों के बाद भी यह वायरस कम से कम इस जिले में दिन प्रतिदिन अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है।

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जिले में बीते ढाई साल के दौरान 151 लोग एड्स से पीड़ित पाए गए हैं। जिनमें से आठ लोगों की मौत इस खतरनाक बीमारी से हो चुकी है। यह सरकारी आंकड़ा है, जानकारों का कहना है कि गैर सरकारी आंकड़ों की तस्वीर इससे कहीं ज्यादा खौफनाक है। इस बीमारी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दस साल से भी कम उम्र के बच्चों समेत कई किशोरवय भी इस बीमारी से ग्रसित है।

यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (यूपी सैक्स) के निर्देश पर डिस्ट्रिक एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा जिले में एड्स रोगियों की पहचान करने का काम किया जा रहा है। जिले में जो भी एड्स रोगी हैं उनमें अधिकांश माइग्रेंट और ट्रैकर्स के रूप में हैं।

जिले में संयुक्त जिला चिकित्सालय और सिरसिया सीएचसी पर एचआइवी जांच होती है। इन दोनों जांच केंद्रों पर वर्ष 2015-16 में कुल 8,266 लोगों की एचआइवी जांच की गई, जिनमें से 41 लोग एड्स पीड़ित पाए गए। जिनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। वर्ष 2016-17 में कुल 13,164 लोगों में से 69 लोग और वर्ष 2017-18 में नवंबर माह तक कुल 10,441 लोगों में से 41 लोग एड्स पीड़ित पाए गए हैं। इन दोनों वर्षो में तीन-तीन लोगों की मौत हो चुकी है।

चपेट में आ रहे इंजेक्शन से नशा लेने वाले

सिरसिया केंद्र के परामर्शदाता डॉ. गुलाम मुस्तफा और संयुक्त जिला चिकित्सालय के एचआईवी जांच केंद्र के एलटी अनूप कुमार हैं कि इंजेक्शन के जरिए नशा लेने वाले लोग तेजी से एड्स के संक्रमण की गिरफ्त में आ रहे हैं। इसकी वजह बताते हुए वह कहते हैं कि इंजेक्शन से नशा लेने वाले कई लोगों के ग्रुप एक ही सि¨रज का प्रयोग करते हैं।

वायरस फैलने के करण

- एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने से।

-एचआइवी संक्रमित द्वारा प्रयुक्त सि¨रज को प्रयोग करने से।

-एचआइवी संक्रमित रक्त किसी अन्य व्यक्ति को देने से।

संक्रमित माता से उसके शिशु को संक्रमण लक्षण।

-रोगी के वजन में भारी कमी, जिसका पता न लग सके।

-रुक-रुक कर बुखार आना, शरीर में दर्द।

-गले की ग्रंथियों में सूजन।

-मुख एवं भोजन की नली में जख्म।

-गालों पर सफेद दाग व उसके इर्द-गिर्द छोटे-छोटे रोएं।

इनसे एड्स नहीं होता

-हाथ मिलाने से, आलिंगन, चुंबन से, खांसने और छींकने से।

-तरणताल में तैरने से, मच्छरों और कीटों के काटने से।

-साथ भोजन करने, पीड़ित के बर्तनों व वस्त्रों का उपयोग करने से।

-सार्वजनिक शौचालय का प्रयोग करने से।


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