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अपना असलहा चाहिए तो लगाइए थाने का 'चक्कर'

श्रावस्ती: विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है और आचार संहिता भी, लेकिन लाइसेंसधारियों के जमा असलहे लौटान

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Mar 2017 12:20 AM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2017 12:20 AM (IST)
अपना असलहा चाहिए तो लगाइए थाने का 'चक्कर'
अपना असलहा चाहिए तो लगाइए थाने का 'चक्कर'

श्रावस्ती: विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है और आचार संहिता भी, लेकिन लाइसेंसधारियों के जमा असलहे लौटाने के मामले में पुलिस की हीलाहवाली जारी है। लाइसेंसधारक अपना असलहा पाने के लिए कोतवाली व थाने का चक्कर लगा रहे हैं। कभी कोतवाल नहीं तो कभी दीवान के न होने का बहाना। यह सिलसिला सप्ताहभर से जारी है। अभी कम से कम एक सप्ताह और इस कार्य में लगने के आसार नजर आ रहे हैं। ऐसे में लाइसेंसी असलहे जमा हुए लगभग दो माह बीत चुके हैं।

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विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्वक निपटाने के लिए जिले के लाइसेंसधारी असलहे थानों में जमा करा लिए गए थे। जिले में कल सवा 18 सौ लाइसेंसी असलहे हैं। इनमें रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, डबल व सिंगिल बैरल गन शामिल हैं। चुनाव के दरम्यान 84 असलहों को शस्त्रधारियों की शाख और सुरक्षा संबंधी उनकी जरूरतों को देखते हुए नहीं जमा कराए गए थे। इस तरह जमा कराए गए 1731 लाइसेंसी असलहों में से ज्यादातर कोतवाली व थानों के मालखानों की शोभा बढ़ा रहे हैं। लाइसेंसधारी अपने असलहे वापस पाने के लिए थाने व कोतवाली का चक्कर लगा रहे हैं। लाइसेंसधारियों को असलहे की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका सताने लगी है। किसी को उपजिलाधिकारी की लगान व अपराध संबंधी क्लीन चिट न आने का बहाना कर वापस लौटाया जाता है तो किसी को कोतवाल व दीवान की अनुपस्थित के चलते बैरंग वापस लौटना पड़ता है।

बोले एसपी

पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार भट्ट ने कहा कि जमा कराए गए लाइसेंसी असलहे धीरे-धीरे कर वापस लौटाए जाएंगे। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए उपजिलाधिकारी की एनओसी आवश्यक है, जिसके लिए पत्राचार किया जा रहा है।


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