सुनिए वित्तमंत्री जी
श्रावस्ती : युवा उद्यमी जानी रस्तोगी का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित क
श्रावस्ती : युवा उद्यमी जानी रस्तोगी का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कृषि आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए। यहां प्रोत्साहन की योजना है ही नहीं। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जो योजनाएं बनाई जा रही हैं वे भी इतनी प्रभावहीन हैं कि उसका असर ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं दिख रहा है।
प्रकाश चंद्र का कहना है कि सरकार को युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के नजरिए को ध्यान में रखते हुए बजट बनाना चाहिए। इस बार के बजट में उम्मीद है कि कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शामिल होगी। उन्होंने कहा कि यदि पांच लाख रुपये तक के उद्यम लगाने के लिए दो फीसदी ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाए तो अपने आप ग्रामीण अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी।
विपिन गुप्त का कहना है कि कृषि आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा मिलना चाहिए। खास तौर से जिस इलाके में जो उत्पाद पैदा हो रहा हो उस पर केंद्रित। यहां फलों के संरक्षण से लेकर टमाटर के सास, आलू के चिप्स, पापड़, गन्ने से तैयार होने वाले उत्पाद, लाख, दूध, शहद आदि क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं हैं। ऐसे सेक्टर के लिए कम से कम तीन से पांच साल तक ब्याज रहित ऋण व अनुदान उपलब्ध कराना चाहिए।
सत्यजीत राय का मानना है कि कृषि आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा मिले तो रोजगार सृजन के साथ ही क्षेत्र की तरक्की को पंख लग जाए। उद्योग लगाने के लिए ऋण की शर्ते आसान हो और बैंक ब्याज की दर चार प्रतिशत से कम ब्याज पर ऋण मिलना चाहिए और उद्योग का ढांचा खड़ा करने के लिए कम से कम एक लाख रुपये का अनुदान का प्रस्ताव बजट में किया जाना चाहिए।