हवा में तैर रहा पॉलीथिन पर प्रतिबंध का आदेश
श्रावस्ती : कोर्ट के आदेश पर प्रदेश में लागू पॉलीथिन के प्रयोग पर प्रतिबंध का सरकारी आदेश जिम्मेदारो
श्रावस्ती : कोर्ट के आदेश पर प्रदेश में लागू पॉलीथिन के प्रयोग पर प्रतिबंध का सरकारी आदेश जिम्मेदारों की उदासीनता के कारण निष्प्रभावी हो चला है। पर्यावरण सुधार और सेहत के लिए महत्वपूर्ण इस आदेश का अनुपालन न होना प्रशासन की नाकामी दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश में सरकार ने पॉलीथिन के प्रयोग पर पिछले वर्ष प्रतिबंध लगा दिया था। तत्कालीन डीएम और एसपी ने महात्मा बुद्ध की तपोभूमि श्रावस्ती में रैली निकाल कर लोगों को पॉलीथिन के दुष्प्रभाव की जानकारी देकर इसका प्रयोग न करने की अपील भी की थी। इसका सकारात्मक असर भी हुआ। व्यापारियों ने इस आदेश को हाथोहाथ लिया। सरकारी आदेश का हवाला देकर व्यापारियों ने दुकान पर पॉलीथिन रखना बंद कर दिया तो लोग भी घर से झोला लेकर चलने लगे, लेकिन रैली निकाल कर जिम्मेदार हाथ पर हाथ रखकर बैठ गए और आदेश का अनुपालन कराने में कोई सख्ती नहीं दिखाई, जिससे दुकानों पर धीरे-धीरे पॉलीथिन ने फिर अपना प्रभुत्व जमा लिया और अब हर किराना व सब्जी ही नहीं होटलों पर भी पॉलीथिन का प्रयोग धड़ल्ले से जारी है। राम सिंह कहते हैं कि सरकारी ढिलाई से आमजन पॉलीथिन का दुष्प्रभाव झेलने को मजबूर है। सरकार को इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए। दवा व्यापारी सीतेंद्र सोनी ने कहा कि घर से कोई झोला लेकर आता ही नहीं। दुकानदार से पॉलीथिन देने का दबाव ग्राहक बनाता है। मजबूरी में पॉलीथिन रखना पड़ता है। सत्य प्रकाश सोनी कहते हैं कि अधिकारियों की लापरवाही सो पॉलीथिन पर प्रतिबंध का आदेश हवाहवाई हो गया है, जिससे पर्यावरण दूषित होने के साथ-साथ होटलों पर पॉलीथिन का प्रयोग लोगों को बीमार बना रहा है। मुव्वसिर अहमद कहते हैं कि पॉलीथिन पर प्रतिबंध को जनमानस ने बहुत आसानी से स्वीकार कर लिया था, लेकिन जिम्मेदारों की ढिलाई के कारण एक अच्छा कानून प्रभावी नहीं बन पाया।