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10 की परमिट लेकर काटे गए सागौन के 20 पेड़

श्रावस्ती : सिरसिया थाना क्षेत्र के शिवगढ़कलाखुर्द गांव में एसओजी व पुलिस टीम की ओर से छापामारी कर प

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 12:04 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 12:04 AM (IST)
10 की परमिट लेकर काटे गए सागौन के 20 पेड़

श्रावस्ती : सिरसिया थाना क्षेत्र के शिवगढ़कलाखुर्द गांव में एसओजी व पुलिस टीम की ओर से छापामारी कर पकड़े गए अवैध कटान के सागौन के 102 बोटा लकड़ी की जांच करने मंगलवार को वन टीम मौके पर पहुंची। इस दौरान अवैध कटान की परतें और उलझ गई, जिस स्थान पर 10 पेड़ की परमिट की लकड़ी बताई जा रही थी वहां मौके पर 20 पेड़ के बूट पाए गए। मौके पर मिले बूट से बरामद लकड़ी भी भिन्न मिली। इतना ही नहीं वन विभाग की ओर से सागौन के 10 पेड़ों से 141 बोटा लकड़ी निकलने की परमिट जारी की गई है। यह रिपोर्ट भी लोगों के गले नहीं उतर रही है।

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थाना क्षेत्र शिवगढ़कलाखुर्द गांव में 10 जून को एसओजी व सिरसिया पुलिस ने औचक छापामारी की थी। इस दौरान अरविंद दूबे पुत्र रामसुधि के खेत में पुआल से ढक कर रखे गए सागौन के 102 बोटे बरामद हुए थे। बरामद लकड़ी को सिरसिया थाने पर लाकर पुलिस ने सीज कर दिया था। भिनगा रेंजर संजय सिंह के निर्देश पर डिप्टी रेंजर दुर्गा प्रसाद साहू, वन दारोगा बलराम गौड़ व अखिलेश सिंह बरामद लकड़ी की परमिट की जांच करने पहुंचे। इस दौरान विभाग के एक और खेल का खुलासा हुआ। जिन 10 पेड़ों की परमिट दिखाकर लकड़ी को वैध ठहराया जा रहा था उनमें से दो पेड़ की परमिट परसा देवतहा निवासी रक्षाराम पुत्र जिलेदार के नाम बनी थी। इन दो पेड़ों से 27 बोटा लकड़ी निकलना दिखाया गया था। आठ पेड़ की परमिट पिपरहवा रंजीतपुर निवासी आशाराम पुत्र स्वामी दयाल के नाम बनी थी। इन आठ पेड़ों से 116 बोटा लकड़ी निकलना दर्शाया गया था। वन विभाग की यह रिपोर्ट लोगों के गले नहीं उतर रही है। दूसरी ओर काटी गई लकड़ी की जांच करने मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने देखा तो वहां सागौन के 10 पेड़ों के बजाय 20 पेड़ों के बूट मिले। इनमें से एक भी बूट बरामद लकड़ी से मेल नहीं कर रहे थे। जांच में निकले तथ्यों पर गौर करें तो बरामद 102 बोटा सागौन की लकड़ी तो अवैध कटान की निकल ही रही है। साथ ही 10 पेड़ की परमिट लेकर 20 पेड़ काटने का एक नया मामला भी बन रहा है। देखना यह होगा कि वन विभाग अपनी रिपोर्ट में इस मामले को कहां तक अपराध मानता है।


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