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मिलावटखोर घोल रहे जिंदगी में जहर

शामली : जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने का काला कारोबार जमकर किया जा रहा है। मिलावटी सरसों का त

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jun 2017 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 11:24 PM (IST)
मिलावटखोर घोल रहे जिंदगी में जहर
मिलावटखोर घोल रहे जिंदगी में जहर

शामली : जिले में मिलावटी खाद्य सामग्री बनाने का काला कारोबार जमकर किया जा रहा है। मिलावटी सरसों का तेल, देशी घी, हल्दी, बेसन, मसाले, मिठाइयां, कोल्ड ¨ड्रक्स, पनीर, खोया समेत विभिन्न सामग्री में मिलावट की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि शहर के भीतर अनजान गलियों, गांवों में दहकती मावा भट्ठी, कुछ आटा चक्की और हरियाणा बार्डर के नजदीक के कुछ गांवों में जमकर मिलावटखोरी का धंधा चल रहा है। पानीपत के साथ ही थानाभवन, शामली, कैराना, ¨झझाना, कांधला, ऊन ब्लॉक क्षेत्र व कस्बों में नकली खाद्य पदार्थो को बनाकर मार्केट में धड़ल्ले से उतारा जा रहा है। सोमवार को ईद के त्योहार पर जिले के एक दर्जन से अधिक स्थानों पर मिलावटी दूध, खोया व मिठाइयों की बिक्री हुई, हालांकि खाद्य विभाग का दावा है कि मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।

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दूध-दही, खोया-पनीर..ना बाबा ना

जिले में कुछ स्थानों पर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में मिलावटी मावा बनाने के लिए दूध की बजाय पाउडर, रसायन, उबले आलू, शकरकंद, रिफाइंड तेल का अधिक प्रयोग का खुलासा होता रहा है। यहीं नहीं सिंथेटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जेट पाउडर, तरल जेल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड, मोबिल ऑयल व एसेंट पाउडर डालकर मिलावट की जाती है। यूरिया का घोल व उसमें पाउडर और मोबिल ऑयल डालकर भी ¨सथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है। इससे नकली मावा व पनीर तैयार किया जाता है, जो कम कीमत पर तैयार हो जाता है और असली खोये के भाव में बिकता है।

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नकली कोल्ड ¨ड्रक्स बिगाड़ चुका है सेहत

जिले में नकली कोल्ड ¨ड्रक्स की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है। कुछ माह पहले ही बाबरी व ¨झझाना क्षेत्र में कोल्ड ¨ड्रक्स पीने से दर्जनभर लोगों को फूड प्वाइज¨नग हो गया था। इसके बाद खाद्य विभाग ने छापेमारी अभियान चलाते हुए कार्रवाई भी की थी, लेकिन फिर से मिलावटी कोल्ड ¨ड्रक्स का खेल शुरू हो चुका है।

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नमूनों में मिला था डिटरजेंट पाउडर

खाद्य विभाग के मुताबिक, बीते साल में 224 से अधिक नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा था। इनमें से 64 नमूने फेल होने पर वाद एडीएम कोर्ट में दायर कराया जा चुका है, जबकि 29 का फैसला होने पर 14 लाख 10 हजार का जुर्माना किया गया। अप्रैल 2016 में दायर 33 वाद इससे अलग थे। इनमें से कैराना से लिए तीन दूध के नमूनों में प्रयोगशाला की रिपोर्ट में डिटरजेंट पाउडर मिलावट का खुलासा हुआ था।

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कैसे करें मिलावटी पदार्थो की पहचान

नकली मसाले, बेसन, तेल, घी, खोया, पनीर व कोल्ड ¨ड्रक्स आदि को काफी ध्यान से चखकर पहचाना जा सकता है। इनके स्वाद में अलग तरह का जायका महसूस होता है। मावे में मिलावट की पहचान के लिए ¨टचर आयोडीन डालने से अगर नीला हो जाए तो वह मिलावटी है, लेकिन आप उसे चखकर उसके स्वाद और रंग से उसकी पहचान कर सकते हैं। मिलावटी या नकली मावे का स्वाद व रंग असली खोये से अलग और कुछ खराब महसूस होगा। मिलावटी खोये को आप उंगली में लेकर रगड़े यदि उसमें चिकनापन नहीं है तो समझो नकली है।

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मिलावटखोरी करने पर सजा का प्रावधान

खाद्य पदार्थो में मिलावटखोरी रोकने व गुणवत्ता को स्तरीय बनाए रखने के लिए देश में खाद्य सुरक्षा और मानक कानून-2006 लागू किया गया है। लोकसभा और राज्यसभा में पारित होने के बाद 5 अगस्त 2011 को यह कानून अमल में लाया गया। इस कानून के तहत मिलावटखोर को पहली श्रेणी में घटिया व मिलावटी माल बिक्री करने पर मामले में संबंधित प्राधिकारी द्वारा 10 लाख तक जुर्माना किया जा सकता है, वहीं दूसरी श्रेणी में अगर नकली खाद्य पदार्थ से किसी की मौत हो जाती है तो अदालत द्वारा उसे उम्र कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।

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पंजीकरण या लाइसेंस न लेने पर लगेगा जुर्माना

छोटे निर्माता या छोटे खाद्य व्यापारी जिसका सालाना टर्नओवर 12 लाख से कम है। उन्हें पंजीकरण कराना होता है, लेकिन ऐसा न करने पर उसे 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है, वहीं जिस खाद्य व्यापारी का सलाना टर्न ओवर 12 लाख से अधिक है। उसे लाइसेंस लेना जरूरी है। ऐसा न करने पर उसे पांच लाख रुपये जुर्माना व छह महीने की सजा का प्रावधान है।

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मिलावटखोरों पर शिकंजे को चलेगा विशेष अभियान

जिला अभिहित अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि खाद्य सामग्री की मिलावटखोरी के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। ईद से पहले भी चे¨कग की गई है। मिलावटखोरों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। इसके लिए टीमें बनाकर कार्रवाई की जाएगी।


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