दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा है इल्म: मौलाना उमेर
जलालाबाद: कस्बे के पीठ मैदान में दारूल उलूम में खत्मे-बुखारे-शरीफ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें
जलालाबाद: कस्बे के पीठ मैदान में दारूल उलूम में खत्मे-बुखारे-शरीफ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 39 मदरसा छात्रों को मौलवियत, हाफिज की उपाधि से नवाजा गया। इस दौरान सामाजिक कुरीतियों के खात्मे का आह्वान किया गया और दीन व दुनिया की तालीम दिलाने पर जोर दिया। इस मौके पर मौलाना उमेर ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा इल्म ही है।
जिले के कस्बा जलालाबाद के पीठ मैदान स्थित मदरसे में बुखारे-शरीफ का आगाज कारी सुहैल ने तिलावत-ए कुरआन से किया। मदरसा का तराना मो. शादाब ने तफसील से सुनाया। बुखारे शरीफ में 17 छात्रों को मौलिवयत, 19 को मुफ्ती, तीन को हाफिज की उपाधि से नवाजा गया। हदीस का आखिरी दर्स शेखुल हदीस मौलाना यामीन साहब ने दिया। आल इंडिया इमाम संगठन के रहनुमा मौलाना उमेर इल्यासी ने मुस्लिमों में शादियों में दान दहेज व फिजूल खर्ची बचने पर जोर दिया गया। बताया कि दहेज लेना लानत है। आगे बढने के लिए मुस्लिमों को दीन व दुनियावी तालिम पर ध्यान देना होगा। मुल्क की तरक्की बिना तालिम मुमकिन नही है। समाज में फैल रही बुराइयों के लिए तालिम की कमी को जिम्मेदार बता अपील की गई कि अपने बच्चों को दीन के साथ दुनियावी तालिम भी दिलाएं। कार्यक्रम में मुफ्ती अब्दुल्ला गुजराती ने अपने बयान में जलालाबाद-थानाभवन, ¨झझाना, नानौता, गंगोह, देवबंद के उलेमा ए दीन की तारीफ की। अध्यक्षता मौलाना शौकत ,संचालन मौलाना वासिफ ने किया। इस अवसर पर मौलाना हबीबुल्ला मदनी, सैय्यद वजाफत खां मौलाना अशफाक, मौलाना नजर, मौलाना जमालुदीन, मुफ्ती इमरान मौहमद रिजवान, राशिद कारी नियाज, काजी तारिक हुसैन, जीशान अहमद काजमी, मौलाना सालीम आदि मौजूद रहे।