'दुग्धदान' की दुनिया के ये हैं 'लंबरदार'
शामली : लंबरदार..इनका जैसा नाम, वैसा ही काम। धरती पर जन्म लेते ही विरासत में मिली संपन्नता ने इनका स
शामली : लंबरदार..इनका जैसा नाम, वैसा ही काम। धरती पर जन्म लेते ही विरासत में मिली संपन्नता ने इनका स्वागत किया। लंबरदार ने अपनी मेहनत से इसे नई ऊचाइयां दीं। ताउम्र अविवाहित लंबरदार ने ¨जदगी में धन-दौलत से लेकर यश के मुकाम पर अपनी लंबरदारी कायम रखी। उम्र बढ़ने पर समाजसेवा का जज्बा उनके दिल में हिलोरें लगा। इसे पूरा करने के लिये उन्होंने देश की बुनियाद मजबूत करने का फैसला लिया। गरीबी में टूट रहे निर्धन बच्चों के शरीर को मुफ्त दूध पिलाकर बलवान बनाने की मुहिम लंबरदार ने शुरू की। उन्होंने अपने अहाते में चार गायें खरीदकर पालीं। इसने निकलने वाले करीब चालीस लीटर दूध को वह शामली के दो प्राथमिक विद्यालयों में वितरित कराते हैं। इसे डेढ़ सौ से अधिक जरूरतमंद बच्चों में वितरित कराया जाता है। पिछले करीब डेढ़ साल से बच्चों को दुग्धदान की मुहिम चला रहे लंबरदार की इस पहल की गूंज अभिनेता अमिताभ बच्चन के कानों तक पहुंच गई है। अमिताभ ने उन्हें स्टार प्लस पर आयोजित होने वाले 'आज की रात है ¨जदगी' शो में आमंत्रित कर दुनिया के सामने बतौर उदाहरण पेश करने का फैसला लिया है।
शामली के पानीपत खटीमा-मार्ग निवासी रमेशचंद का जन्म शामली में ही हुआ। बचपन में उन्हें परिवार के सदस्य लंबरदार कहकर पुकारने लगे। आर्थिक तथा सामाजिक रूप से काफी समृद्ध होने के कारण इस परिवार को जिले तथा आसपास के लोग भी बखूबी जानते थे। परिवार की जुबान से निकला नाम लंबरदार रमेशचंद की ¨जदगी का सच बन गया। कारोबार हो या ख्याति, हर क्षेत्र में रमेशचंद की लंबरदारी का डंका पिटा। जीवनभर अविवाहित रहे लंबरदार दैनिक जीवन में गरीबों तथा असहायों की मदद करते रहे। उम्र बढ़ने के साथ ही उन्होंने अपनी चाहत के अनुरूप हर मुकाम पर कामयाबी का पताका फहराया। इसके बाद भी गरीबी से जूझ रहे बचपन तथा परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील का हाल देखकर वह प्राय: व्यथित रहते थे।
अपनी व्यथा को दूर करने के लिये उन्होंने गरीब बच्चों को पोषण प्रदान करने की मुहिम चलाने का फैसला लिया। अपने पुस्तैनी घर के पीछे खाली पड़े अहाते में उन्होंने चार गायें पालीं। इन गायों से निकलना वाला करीब 40 लीटर दूध लंबरदार करीब डेढ़ सालों से शहर के दो परिषदीय स्कूलों (प्राथमिक विद्यालय नंबर आठ तथा प्राथमिक विद्यालय नंबर छह) में वितरित करा रहे हैं। उनकी इस मुहिम की गूंज अभिनेता अमिताभ बच्चन के कानों तक पहुंच गई है। अमिताभ बच्चन ने उन्हें स्टार प्लस चैनल पर आयोजित होने वाले टीवी शो 'आज की रात है ¨जदगी' में आमंत्रित किया है।
सरकारी स्कूलों में बर्तन तक नहीं
परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील के हाल से व्यथित लंबरदार बताते हैं कि सरकारी स्कूलों का बुरा हाल हो रहा है, जब उन्होंने दूध वितरण शुरू कराया तो स्कूल में बच्चों के लिये ग्लास तक नहीं थे। उन्होंने सभी डेढ़ सौ बच्चों के लिये ग्लास तथा चार जग मंगवाए, ताकि दूध वितरण में किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो। वह बताते हैं कि उनके अपने लोग दूध को लेकर हर रोज सुबह साढ़े नौ बजे स्कूल पहुंच जाते हैं, अपने सामने वह दूध का वितरण कराकर बच्चों को पिलाते हैं, ताकि घालमेल की कोई संभावना नहीं रहे।
लाभ कम, हानि ज्यादा
लंबरदार कहते हैं कि दूध में सभी प्रकार के पोषण होते हैं, वहीं मिलावट के इस दौर में शुद्ध दूध मिलना असंभव है। कितनी ही कीमत चुकाने के बाद भी शुद्ध दूध नहीं मिल रहा। पैकेट के दूध में केमिकल पड़ा हुआ है, जो कि दूध को फटने से रोकता है। दूध जब तक फटेगा नहीं वह लाभ नहीं पहुंचाएगा। ऐसे में पैकेट का दूध तो जहर समान है। इसे पीने से लाभ के बजाय नुकसान ही हो रहा है।
..ताकि मजबूत हाथों में हो कमान
लंबरदार कहते हैं कि वह अनपढ़ हैं। उन्हें गणित, विज्ञान तो अधिक नहीं आता। हां इतना मालूम है कि बच्चे स्वस्थ होंगे तो देश की आने वाली पीढ़ी स्वस्थ्य होगी एवं देश की कमान मजबूत हाथों में होगी। इसीलिए उन्होंने बच्चों को मुफ्त दूध पिलाने का अभियान शुरू किया है। वह कहते हैं कि उन्हें मालूम है कि अकेली उनकी मुहिम से कुछ होने वाला नहीं है, लेकिन वह संतोष जताते हैं कि कुछ तो बदलाव आयेगा ही।
इनका कहना है..
'स्टार प्लस पर आयोजित होने वाले अमिताभ बच्चन के शो आज की रात है ¨जदगी में शामिल होने के लिये मुझे मुंबई से बुलावा आया है। स्टार प्लस चैनल की ओर से मुंबई आने के लिये आमंत्रित किया गया है। आमंत्रणकर्ताओं ने कहा कि शो में मेरी मुफ्त दूध वितरण की कहानी को दिखाया जाएगा। हालांकि अभी मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मुंबई जा पाने में मैं असमर्थ हूं, इसे मैने चैनल के समक्ष जता दिया है। अभी आखिरी फैसला मैने नहीं लिया है, स्वास्थ्य के अनुरूप ही अंतिम फैसला लूंगा''''।
रमेशचंद लंबरदार, शामली
'रमेश चंद लंबरदार की बच्चों को निशुल्क दूध वितरण की मुहिम सराहनीय है, वह शामली के दो प्राथमिक स्कूलों में करीब डेढ़ सौ बच्चों को मुफ्त दूध पिला रहे हैं। इससे बच्चों को भरपूर पोषण प्राप्त हो रहा है, रमेशचंद लंबरदार की मुहिम से समाजसेवी संस्थाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।'
- राजदेव ¨सह, बीएसए, शामली