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चार चीनी मिलों पर किसानों का 1442 लाख का बकाया

शाहजहांपुर : चीनी के बाजार भाव में तेजी और चीनी परता में रिकार्ड वृद्धि से मालामाल हुई सूबे की चीनी

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Feb 2017 10:59 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2017 10:59 PM (IST)
चार चीनी मिलों पर किसानों का 1442 लाख का बकाया
चार चीनी मिलों पर किसानों का 1442 लाख का बकाया

शाहजहांपुर : चीनी के बाजार भाव में तेजी और चीनी परता में रिकार्ड वृद्धि से मालामाल हुई सूबे की चीनी मिलें किसानों के बकाया भुगतान में पीछे है। जनपद की चार चीनी मिलों पर भी किसानों का 1442 करोड़ का बकाया हो चुका है। बजाज समूह की चीनी मिल पर अकेले 105 करोड़ का बकाया है। निगोही चीनी मिल भुगतान में आगे हैं, इस चीनी मिलों ने 311 लाख का किसानों का अग्रिम भुगतान कर दिया है।

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सूबे की सरकार ने इस बार गन्ना समर्थन मूल्य में रिकार्ड वृद्धि कर जहां किसानों को खुशहाल करने की कोशिश की, वहीं चीनी के बाजार भाव में रिकार्ड वृद्धि से चीनी मिले भी मालामाल हो गई है। चीनी परता में दो यूनिट तक का इजाफा होने से मिलों की माली हालत में भी अप्रत्याशित इजाफा हुआ। लेकिन किसानों को इसका विशेष फायदा नहीं मिल रहा। प्रदेश की चीनी मिले जहां हजारों करोड़ का गन्ना बकाया दबाए बैठीं, वहीं जनपद की चीनी मिलें भी किसानों के शोषण से पीछे नहीं। जिले की चार चीनी मिलों 14 दिन पूर्व तक के देय एक अरब 44 करोड रुपये का भुगतान नहीं किया है।

मकसूदापुर पर मेहरमान अफसरान

जनपद की पांच चीनी मिलों में मकसूदापुर चीनी मिल पर अभी भी 105,10.98 लाख का बकाया बना हुआ है। कुल 1,63,37.51 लाख बकाया के सापेक्ष मकसूदापुर ने मात्र 58,26.53 लाख की बकाया अदा किया। एक दिसंबर 2016 के बाद से मिल प्रबंधन किसानों को कौड़ी तक नहीं दी। इससे क्षेत्र के किसान बदहाली के शिकार है। शासन प्रशासन भी इस चीनी मिल पर मेहरबान दिखाई देता। इसकी वाजिब वजह है। दरअसल मिल प्रबंधन के खिलाफ जब-जब गन्ना विभाग की ओर से एफआइआर दर्ज कराई गई, प्रशासन ढाल बन गया और पुलिस ने कार्रवाई के बजाए मामला को दबाना शुरू कर दिया, इससे संबंधित अधिकारी भी अब कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा रहे हें।

रोजा चीनी मिल भी बकाए मे पीछे

घाटे से उबरने के बावजूद रोजा शुगर व‌र्क्स ने अपनी पुराना ढर्रा नहीं छोड़ा। मिल प्रबंधन ने अभी तक 20 जनवरी तक का ही भुगतान किया है, जबकि 15 दिन पूर्व तक का चीनी मिल पर किसानों का 1470.61 लाख का बकाया हे। जनपद की सबसे पुरानी चीनी मिल ने 1,05,36.49 लाख के सापेक्ष मात्र 90,65.88 लाख का ही भुगतान किया है।

तिलहन ने दस और पुवायां ने 28 जनवरी तक किया भुगतान

सहकारी चीनी मिल तिलहर ने भी दस जनवरी तक ही भुगतान किया है। तिलहर मिल पर किसानों का 1362.57 लाख का बकाया है। इस मिल ने 56,18.85 लाख के सापेक्ष मात्र 4256.28लाख ही भुगतान किया। इसी तरह पुवायां मिल किसानों का 872.95 लाख दबाकर बैठ गई। मिल प्रबंधन ने अभी तक 50,35,27 लाख के सापेक्ष मात्र 41,62.32 लाख ही भुगतान किया।

नजीर बनी निगोही मिल

डालमियां समूह की निगोही चीनी मिल ने लक्ष्य से 311 लाख का अधिक भुगतान कर नई नजीर पेश की। इस चीनी मिल पर 15 फरवरी तक 18197.76 लाख के सापेक्ष 18509 लाख का भुगतान कर दिया। डीसीओ ब्रजेश कुमार पटेल ने जनपद की अन्य चीनी मिलों से निगोही से सीख लेने की अपेक्षा की है। उन्होंने कहा कि यदि निर्धारित समय में भुगतान न किया तो मिलों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

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चीनी मिल बकाया धनराशि भुगतान भुगतान अवधि

मकसुदापुर 105,10.98 लाख, 5826.53 लाख एक दिसंबर

रोजा 1470.61 लाख, 9065.88 लाख 20 जनवरी

तिलहर 1362.57 लाख, 4256.28 लाख 10 जनवरी

पुवायां 872.95 लाख 4162.32 लाख 28 जनवरी

निगोही - 3.11 लाख, 18509 लाख 15 फरवरी

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