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खुले आसमां में जिंदगी गुजारने को मजबूर गरीब

By Edited By: Published: Thu, 04 Sep 2014 12:00 AM (IST)Updated: Thu, 04 Sep 2014 12:00 AM (IST)
खुले आसमां में जिंदगी गुजारने को मजबूर गरीब

शाहजहांपुर : दबंगों द्वारा उजाड़े जाने के बाद से गरीब मुश्ताक बेहाल है। उसके परिवारीजन दिन की धूप में उबलने को विवश है। खाकी है कि दबंगों को दबोचने के बजाये गरीबों को ही कायदों का पाठ पढ़ा रही है। दिनदहाड़े गरीब के घर पर बुल्डोजर चलाने, लूटपाट करने एवं महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।

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शहर से सेट चिनौर गांव में मुश्ताक अपने परिवार के साथ वर्षो से रहता चला आ रहा है। एक सितंबर की दोपहर चिनौर गांव के ही जोधन लाल, बहोरन लाल, रामरहीस, छब्बू, दिन्ना, छोटे, सोनू, मोनू, रजिंदर समेत करीब आठ अज्ञात लोग हथियारों से लैस होकर आए और मुश्ताक के आशियाने को तहस-नहस कर दिया। मुश्ताक की पत्‍‌नी पत्‍‌नी रईसा, बहू अरसी के साथ छेड़खानी हुई, 50 हजार रुपये लूट गए। पुलिस ने पहले गरीबों की मदद करने की बात कही। मीडिया में मामला जाने से रोकने की पूरी कोशिश की। प्रयास नाकाफी हुए तो खबर मीडिया में सुर्खियां में बनी खाकी ने रुख मोड़ ली। पुलिस अब गरीब को अदालती कहानी बता रही है। असल में मामले में कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। उसके बावजूद दबंग गरीब के आशियाने को तहस नहस कर गए। पुलिस अब कोर्ट का स्टे बताकर पीड़ित को मौके से दूर कर रही है। हालात यह है कि मुश्ताक का परिवार खुले आसमां में रहने को विवश है। परिवार के लोग सरकार एवं प्रशासन को कोस रहे हैं। दबंग है कि वारदात करने के बावजूद खुलेआम घूम रहे हैं।

पुलिस बनी बोझ

शाहजहांपुर : मुश्ताक की रक्षा करने के बहाने इंस्पेक्टर ने मौके पर सिपाही तैनात कर दिया है। सिपाही गरीबों के सोने-बैठने की जगह आराम फरमा रहे हैं। जबकि परिवार की महिलाएं धूप, पानी में खुले आसमां पड़ी हैं। ग्रामीण इसे खाकी की मिलीभगत मान रहे हैं। इंस्पेक्टर ने कहा कि हम गलत नहीं कर सकते। आरोपित जल्द पकड़े जाएंगे। उसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


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