एडीएम ने की जांच की समीक्षा
शाहजहांपुर : पुवायां सहकारी चीनी मिल के चर्चित बगास घोटाले की जांच को प्रशासन बेहद संजीदा है। डीएम के निर्देश पर एडीएम वित्त एंव राजस्व ने डीसीओ को बुलाकर जांच की समीक्षा की। उन्होंने उपाध्यक्ष की शिकायत बिंदुओं पर जांच के निर्देश दिए।
सरकार के विशेष पैकेज से शुरू हुई पुवायां चीनी मिल में करीब चार लाख कुंतल बगास का उत्पादन हुआ। नीलामी के लिए प्रधान प्रबंधन ने मार्च में बगास बिक्री के लिए दस फर्मो को पत्र लिखा। इसके बाद जून में प्रक्रिया अपनाई गई। प्रधान प्रबंधक ने जनपद की फर्म केआर पल्प एंड पेपर मिल को 155.50 रुपये प्रति कुंतल की दर से बगास बेच दी। जबकि दूसरी चीनी मिलों में 221 से 250 रुपये प्रति कुंतल की दर से बगास को नीलाम किया गया। चीनी मिल प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष विजय वर्मा तथा संचालक उमेश शुक्ल ने इसकी शिकायत डीएम से की। डीएम ने डीसीओ को जांच सौंपी। लेकिन दो सप्ताह बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी। इधर डीएम के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने डीसीओ को बुलाकर जांच की अद्यतन जानकारी ली। एडीएम ने पत्रावली का अवलोकन करने के बाद जांच में तेजी के निर्देश दिए।
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रिश्तेदार को बहाल करने के लिए बनाया जा रहा दबाव
शाहजहांपुर : पुवायां सहकारी चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक एएस पोरस ने डीसीओ ब्रजेश कुमार पटेल पर निजी स्वार्थ के लिए परेशान करने का आरोप लगाया है। प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जीएम ने जागरण को बताया कि उन्होंने लापरवाही व अनियमितता बरतने के आरोप में प्यारे लाल वर्मा नाम के कर्मचारी को निलंबित कर दिया। इस कर्मचारी को बहाल करने के लिए डीसीओ दबाव बना रहे है। जीएम ने दावा किया कि निलंबित कर्मचारी डीसीओ का रिश्तेदार है। प्रधान प्रबंधक श्री पोरस का यह भी कहना है कि उन्होंने मात्र 3720 कुंतल बगास को ही 155.50 रुपये कुंतल की दर से 5.81 लाख में नीलाम किया। शेष बगास पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने दोहराया कि डीएम व मिल की पदेन प्रशासक के लिखित आदेश पर ही वह जांच में सहयोग करेंगे।