हमारा राष्ट्रीय खेल.. हॉकी नहीं
- आरटीआइ को लेकर खेल मंत्रालय ने दिया जवाब, कोई भी खेल हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं जागरण संवाददाता,
- आरटीआइ को लेकर खेल मंत्रालय ने दिया जवाब, कोई भी खेल हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर :
अगर आपसे पूछा जाए कि हमारा राष्ट्रीय खेल क्या है तो जवाब हॉकी होगा, लेकिन आप गलत हैं। चौंकिए नहीं, लेकिन हॉकी तो क्या कोई भी खेल हमारा राष्ट्रीय खेल नहीं है। ऐसा हम नहीं बल्कि केंद्रीय खेल एवं युवा मंत्रालय कह रहा है। एक आरटीआइ में जो जवाब दिया गया है उसमें कोई भी खेल राष्ट्रीय खेल घोषित न किए जाने की बात कही गई है।
गुरुनानक पाठशाला कन्या हाईस्कूल के प्रबंधक गुरप्रकाश ¨सह ने प्रधानमंत्री कार्यालय से आरटीआइ के माध्यम से जानकारी मांगी थी, जिसमें उन्होंने पूछा था कि हॉकी को किस मंत्रालय ने किस वर्ष में राष्ट्रीय खेल घोषित किया है। भारत सरकार के अपर सचिव एनए श्रीजीत की ओर से जो जवाब आया वह चौंकाने वाला है। उन्होंने जो जवाब दिया है उसमें कहा है कि खेल एवं युवा मंत्रालय की ओर से किसी भी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया गया है। यह जवाब सुनकर आरटीआइ दायर करने वाले गुरप्रकाश ¨सह भी हैरान हैं।
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हॉकी को जानते हैं राष्ट्रीय खेल
स्कूल कालेजों में हम हॉकी को राष्ट्रीय खेल ही पढ़ते आए हैं। लगभग 90 फीसद लोग यही जानते हैं। इतना ही नहीं अधिकांश खिलाड़ी यहां तक की हॉकी प्लेयर भी इस खेल को राष्ट्रीय खेल जानते हैं, लेकिन खेल मंत्रालय का जवाब उन्हें झटका देने वाला है।
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अंधेरे में थे लोग
सामान्य ज्ञान से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक में जब भी राष्ट्रीय खेल से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं तो लोग हॉकी लिख देते हैं। परीक्षक भी उन्हें पूरे नंबर दे देते हैं। आरटीआइ के जवाब के आधार पर कहा जाए तो लोग अब तक राष्ट्रीय खेल को लेकर अंधेरे में थे।
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खिलाड़ियो को झटका
हॉकी पर चक दे इंडिया जैसी फिल्में बन चुकी हैं। मेजर ध्यानचंद की स्टिक के जादू ने हिटलर तक को अपना मुरीद बना दिया था। ऐसे में हॉकी को राष्ट्रीय खेल का दर्जा न दिए जाने की बात खेल प्रेमी विशेषकर हॉकी खिलाड़ियों के लिए झटके वाली है।
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जिले में हॉकी :
- 45 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन है हथौड़ा स्टेडियम में
- 70 महिला व पुरुष खिलाड़ी आते हैं प्रैक्टिस करने
- 1 ऑल इंडिया स्तर का टूर्नामेंट होता है हॉकी का
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खेल का स्थिति
- अच्छू खां समेत कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी हॉकी के हुए
- अपूर्वा विश्वकर्मा ने हॉकी में किया राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व
- इसके अलावा कई खिलाड़ियों ने हॉकी में बनाई अपनी पहचान
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सुनिए इनकी बात :
आरटीआइ का जो जवाब आया उसे देखकर मैं हैरान रह गया। अब तक सभी लोग हॉकी को राष्ट्रीय खेल जानते थे। हम ओलंपिक में ज्यादा मेडल जीतने का ख्वाब देखते हैं, लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी हम एक खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं कर सके। इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण बात भला क्या होगी।
गुरप्रकाश ¨सह, आरटीआइ दायर करने वाले
मैं भी बचपन से अब तक हॉकी को ही राष्ट्रीय खेल मानता था। अगर आरटीआइ में ऐसा जवाब आया है तो यह बेहद चौंकाने वाला है। राष्ट्रीय खेल को लेकर स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए थी। हमारे स्टेडियम में तमाम खिलाड़ी हॉकी खेलने आते हैं। जिले में ही नहीं, पूरे देश में इसका काफी क्रेज है।
अनिमेष सक्सेना, जिला क्रीडाधिकारी