पालिका प्रशासन ने भरे पानी के दर्जन भर सेंपल
शाहजहांपुर : गर्मी का सीजन आते ही दूषित और मिलावटी खाद्य पदार्थो की बहार आ गई है। लोगों की सेहत से ख
शाहजहांपुर : गर्मी का सीजन आते ही दूषित और मिलावटी खाद्य पदार्थो की बहार आ गई है। लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने के लिए नीबू की शिकंजी, वेल का रस, गन्ने रस, लस्सी आदि के ठेले जगह-जगह खड़े हैं। वहीं आइस फैक्ट्री में कच्ची बर्फ की सिल्ली तैयार की जा रही है। पालिका प्रशासन ने आइस फैक्ट्री में एक दर्जन पानी के नमूने लिए हैं। सेंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं।
शहर में कई आइस फैक्ट्री चल रही है। लेकिन आइस फैक्ट्री में पक्की बर्फ की सिल्ली तैयार न करके कच्ची सिल्ली तैयार की जा रही है। जो काफी हानिकारक होती है।इसके अलावा कई आइस फैक्ट्री में रंग मिलाकर व स्क्रीन का प्रयोग करके चुस्की तैयार कर रही है। गन्ने के रस, वेल का शर्बत, लस्सी आदि में आइस फैक्ट्री में तैयार की गयी कच्ची बर्फ का प्रयोग किया जाता है, जो गला पकड़ लेता है। वहीं गन्ना जूस के आस-पास गंदगी रहती, कुछ जूस सेंटर नाले के किनारे चल रहे है। लस्सी में सपरेटा आदि दूध का प्रयोग किया जा रहा है। निगोही रोड पर जगह-जगह लाल रंग डालकर जलेबी बनायी जा रही है। पानी का पाउच जो दुकान पर बेचे जा रहे है, पाउच पर पानी भरने की तिथि अंकित नहीं होती और न ही फैक्ट्री का नाम अंकित होता है। आम व केले को पकाने के लिए कार्बाइड एथेलिन स्प्रे का प्रयोग किया जा रहा जो 24 घंटे में पक जाता है। यह सब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी डा. नरेश पाल ने बताया कि एक माह में आइस फैक्ट्री के नौ नमूने व पानी के पाउच के तीन नमूने लिए गए है।
क्या होती है बीमारियां
डाक्टरों के मुताबिक दूषित पेय पदार्थ व मिलावटी पदार्थ खाने से डायरिया व फूड पाइज¨नग, आंत में इंफेक्शन आदि बीमारी होने का भय बना रहता है। इसके अलावा अल्सर, गुर्दे, व लीवर को भी प्रभावित कर देते है। गर्मी में डायरियां जैसी बीमारी अधिक होती है। वहीं धूप में आने के बाद तत्काल पानी नहीं पीना चाहिए तथा गर्मी के मौसम में सोच समझकर ,खाना चाहिए।
24 एसएचएन 6
सुरेंद्र पाल ¨सह का कहना है कि प्रशासन को समय-समय पर पानी, चाट, पकौड़ी, गन्ने का रस, आइस फैक्ट्री में पानी के नमूने लेना चाहिए। इसके अलावा दूध का भी सेंपल लेना चाहिए। मिलावट खोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
24 एसएचएन 7
विनोद कुमार का कहना है कि आज से कई वर्ष पहले आइस फैक्ट्री में पक्की बर्फ की सिल्ली तैयार की जाती थी। लेकिन अब कच्ची बर्फ की सिल्ली तैयार करके बेची जा रही है। इसके अलावा खुले में खाद्य पदार्थ बेचने वालों का बराबर नमूना लिया जाना चाहिए। प्रशासन को एनाउंस कराना चाहिए कि खुले खाने वाली चीजे न बेचे।