भरामई वाले देंगे उसी को वोट जो करेगा बदलाव
शाहजहांपुर: राजनीतिक पार्टियां भले ही अभी टिकट बंटवारे में उलझी हुई हों, लेकिन ग्रामीण इलाकों में चु
शाहजहांपुर: राजनीतिक पार्टियां भले ही अभी टिकट बंटवारे में उलझी हुई हों, लेकिन ग्रामीण इलाकों में चुनावी रंग चढ़ चुका है। खेत हो चौपाल हर कहीं बस चुनाव की चर्चा हो रही है। ब्लाक से करीब ढाई किमी. दूर भर्रामई गांव।
सुबह के दस बज रहे थे। तेज धूप खिल चुकी थी, लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे। गांव के चौधरी सूरजपाल के घर के बाहर चौपाल लगी हुई थी। यहां मौजूद लोगों में चुनाव को लेकर बहस हो रही थी। गांव के बुजुर्ग गंगाचरन वहां पर आ गए। साइड में खाली पड़ी चारपाई पर बैठते हुए बोले लड़कों अपना काम करो जाकर, इन नेताओं के चक्कर में मत पड़ो। 85 बसंत देख चुके हैं, इन्हीं नेताओं ने देश बर्बाद कर दिया। पूर्व प्रधान नत्थू मिश्रा बात काटते हुए बोले कि चच्चा हर नेता एक जैसा नहीं होता है। चुनाव में सोच-समझकर वोट देने की जरूरत होती है। सामने बेंच पर बैठे सोनू ने कहा कि कुछ फायदा नहीं है। वोट लेने के बाद सभी नेता एक जैसे हो जाते हैं। शहजाद ने कहा कि देखा इस सियासत काो पिात-पुत्र को आपस मे लड़वा दिया।
नत्थू मिश्रा इस बात से सहमत नहीं हुए तो दोनों में बहस छिड़ गई। तभी गांव के अंशु वहां पर आ गए। उन्होंने नोटबंदी पर चर्चा शुरू की तो गांव के इतवारी लाल नाराज हो गए। बोले एक महीना तक बैंक के चक्कर लगाने पड़े। उनके पास बैठे सज्जन पाल ने ट्रैक बदला बोले लो-वोल्टेज के कारण हालत खराब है। रामकृष्ण और
प्रेमपाल ने उनकी बात का समर्थन किया। बोले ठीक बात कही, ट्यूवबेल न चलने के कारण खेत सूख रहे हैं। सत्यपाल बोले कोई नेता बात नहीं सुनता है, वोट देने से भला क्या फायदा। इस पर संतराम व लालाराम बोले कि कोई गलत काम न करो, इन नेताओं की जरूरत ही नहीं है। दिनेश कुमार सक्सेना ने कहा कि जिन नेताओं ने काम नहीं किया उन्हें वोट क्यों दें। सूरजपाल बोले भला यह भी कोई बात हुई, वोट नहीं देंगे तो गलत नेता चुनकर आ जाएगा।
श्रीपाल बोले क्या फायदा एक हजार रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन राशन कार्ड नहीं बन सका है। सत्यपाल व अनंतराम ने कहा कि कोटेदार राशन नहीं दे रहा, उसके खिलाफ कोई नेता सुनवाई नहीं कर रहा। ब्रहमकुमार का कहना कि नेताओं को गरीबों की याद सिर्फ चुनाव में वोट लेने के समय आती है उसके बाद कोई झांकने तक नहीं आता है। इस पर सभी ने तय किया कि इस बार वोट देंगे जरूर, लेकिन उस नेता को चुनेंगे, जो गांव की कच्ची गलियां पक्की कराएगा। गांव में अस्पताल व एएनएम सेंटर बनवाएगा।
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फैक्ट फाइल ::
- आबादी - 3000
- वोटर- 1600
- पुरुष - 900
- महिला -'700
गांव में ::
- सरकारी अस्पताल-नहीं है
- सरकारी स्कूल-एक
- एएनएम सेंटर-नहीं है