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पिता से बिटिया की उम्र उगलवाने की कोशिश

शाहजहांपुर : पीड़िता की उम्र में फंसे पेंच के कारण सलाखों से बाहर नहीं आ पा रहे दुष्कर्म आरोपी कथावाच

By Edited By: Published: Thu, 28 Apr 2016 11:38 PM (IST)Updated: Thu, 28 Apr 2016 11:38 PM (IST)
पिता से बिटिया की उम्र उगलवाने की कोशिश

शाहजहांपुर : पीड़िता की उम्र में फंसे पेंच के कारण सलाखों से बाहर नहीं आ पा रहे दुष्कर्म आरोपी कथावाचक आसाराम के कथित साधकों ने पीड़ित परिवार को ही मोहरा बनाने की कोशिश की। महिला पत्रकार बन फोन पर बातों ही बातों में बिटिया की उम्र जानने की कोशिश की गई। मुकदमे से संबंधी सवालों के बजाय बार-बार उम्र जानने तथा उससे बात करने की कोशिश से अलर्ट पिता ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया। अनजान नंबरों से फोन कर बिटिया की उम्र जानने की नाकाम कोशिश जारी है।

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20 मार्च को शाम पांच बजे फोन की घंटी बजी। पीड़ित पिता ने फोन रिसीव किया तो उधर से एक महिला ने हैलो कर बातचीत को आगे बढ़ाया। महिला ने खुद की पहचान एक पत्रकार के रूप में की थी। महिला ने शुरुआत तो मुकदमे की स्टेटस जानने से की थी, लेकिन कुछ ही देर बाद उसका सारा फोकस बिटिया की वर्तमान में उम्र जानने पर आ टिका। वह बार-बार बिटिया से बातचीत कराने पर जोर दे रही थी। पीड़ित पिता को महिला की छलकपट के बारे में धीरे-धीरे भान होने लगा। लिहाजा उन्होंने उम्र बताने से परहेज किया तो महिला ने घर आकर मिलने की बात कही, लेकिन वह अपने वादे के मुताबिक उनसे मिलने घर नहीं पहुंची। एक माह बाद 23 अप्रैल को दूसरी बार फिर से एक महिला ने फोन किया। पीड़ित पिता ने फोन रिसीव किया तो महिला ने बताया कि दिल्ली कैंट से बोल रही है। उसे फरीदाबाद जाना है, क्या रूट ठीक पड़ेगा। पीड़ित पिता ने कहा कि बातों ही बातों में महिला बिटिया से बात कराने पर जोर देने लगी। जिस पर जवाब मिला कि बिटिया किसी से बात करना पसंद नहीं करती है। इतना सुनने के बाद महिला ने फोन डिसकनेक्ट कर दिया। पीड़ित पिता ने आरोप लगाया कि कथावाचक आसाराम ने उनकी बिटिया की असली उम्र में छेड़छाड़ करने के सारे प्रयास कर चुके हैं। महिला साधक हमारे परिवार को मोहरा बनाने की कोशिश कर रही हैं। फोन कर बिटिया की उम्र जानने की कोशिश की जा रही है। पुलिस को उन्होंने शिकायतीपत्र नहीं दिया है। पहले ही जान से मारने की धमकी मामले में पुलिस कुछ नहीं कर सकी है। इस मामले में शिकायत पर अधिकारी ढांढस बंधाने से ज्यादा कुछ नहीं कर सकेंगे। मीडिया के दबाव को टालने के लिए एक और मुकदमा दर्ज कर लेंगे, जिसका परिणाम अभी तक दर्ज हुए मुकदमों की तरह ही फाइलों में दबकर रह जाएगा।


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