ई स्टांप के प्रति नहीं बढ़ रहा रुझान
शाहजहांपुर : जागरुकता के अभाव में गुजरे जमाने के बैनामा कराने की तरीके को लोग बदल नहीं रहे हैं। जिसक
शाहजहांपुर : जागरुकता के अभाव में गुजरे जमाने के बैनामा कराने की तरीके को लोग बदल नहीं रहे हैं। जिसके चलते ई स्टांप के प्रति लोगों का रुझान नहीं बढ़ पा रहा है। मैनुअल बैनाम कराने वालों की संख्या के अपेक्षाकृत ई स्टांप से संपत्तियां खरीदने वालों की संख्या बहुत कम है। इतना ही नहीं संख्या साल दर साल घट भी रही है। महज साढ़े चार करोड़ रुपये का बैनामा दो वर्ष में ई स्टांप से लोगों ने कराया है।
वर्ष 2013 में ई स्टांप के जरिये रजिस्ट्री करने की सुविधा प्रदेश में शुरु की गयी। इससे माना गया कि कम समय और कम खर्च में सुरक्षित तरीके से लोग बैनाम करा सकते है। इसके लिए जिले के एक बैंक को ई
स्टांप के लिए काउंटर खोलने को कहा गया। जहां लोग बैनामे की धनराशि कैश या ऑनलाइन जमा कर सकते है। इसके लिए वेंडर के पास जाकर स्टांप खरीदना नहीं पड़ेगा। इन
सुविधाओं के बाद ई स्टांप की सेवा लोगों को अपने तरफ खींच नहीं पायी।
बैनामा करने वाले मैनुअल स्टांप पर अधिक भरोसा जताते रहे। दूसरी तरफ ई -स्टांप की प्रगति को झटका लगता गया। बीते दो वर्षो में 370 लोगों ने स्टांप से बैनामा कराया है। यह संख्या वर्ष 2014 में 252 लोगों ने इस सेवा का लाभ उठाया, लेकिन पिछले साल यह संख्या घट कर 118 हो गयी। इस वर्ष अभी तक किसी ने ई स्टांप के जरिए बैनामा नहीं कराया है। इससे साफ जाहिर होता है कि ई-स्टांप के प्रति से लोगों का मोहभंग हो रहा है। इसके चलते ई स्टांप से साढ़े चार करोड़ रुपये का बैनामा लोगों ने कराया है। ई स्टांप से बैनामा
कराने की संख्या सदर तहसील को छोड़ कर अन्य में काफी कम है।
सुविधा के लिए खुला है ई स्टांप केंद्र
ई स्टांप के प्रति लोगों को लुभाने के लिए जिले स्तर पर एक केंद्र खोला गया
है। जहां पर बैनामा कराने वाला व्यक्ति कैश जमा कर ई स्टांप की सुविधा प्राप्त कर सकता है। स्टाक होल¨डग ऑफ इंडिया कार्पोरेशन के विनीत टंडन ने कहा कि ई स्टांप से बैनामा कराना सस्ता और सुरक्षित है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा। क्योंकि लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि ई स्टांप से खरीदी गयी संपत्तियां पूरी तरह मैनुअल स्टांप की तरह ही होती है। कुछ लोग यह सोचते है कि स्टांप सामने रहेगा तो अधिक सुरक्षित रहेगा, लेकिन ई
स्टांप भी पूरी तरह सुरक्षित है। इसके लिए प्रचार प्रसार भी किया जा रहा
है।