बर्बाद फसलों का मुआवजा न मिलने पर आत्मदाह की धमकी
शाहजहांपुर : शासन-प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे क्षेत्र के नवाजपुर, मानपुर, लक्ष्मीपुर, दलीपपुर
शाहजहांपुर : शासन-प्रशासन की उपेक्षा का दंश झेल रहे क्षेत्र के नवाजपुर, मानपुर, लक्ष्मीपुर, दलीपपुर, कुरेना, ढाका खुर्द कला आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर बर्बाद फसलों के मुआवजे की मांग की है। जिलाधिकारी को भेजे गए पत्र में ग्रामीणों ने कहा कि अगर एक सप्ताह में पात्र किसानों को मुआवजा नहीं मिला तो वह आत्मदाह करने में भी पीछे नहीं हटेंगे।
बेमौसम हुई बारिश से किसानों की गेहूं की फसलें बर्बाद हो गई थी। वहीं शासन द्वारा ग्रामीणों के जख्मों पर मरहम लगाने की जिम्मेदारी प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपी थी। लेकिन उन्होंने गरीबों के हकों में भी अपना के खेल खेला जिससे क्षेत्र के कई ऐसे गांव है जहां पात्र किसान मुआवजे से वंचित रह गए। इस दौरान क्षेत्रीय ग्रामीणों ने कई बार तहसील दिवस से लेकर जिला मुख्यालय पहुंच कर अपनी पीढ़ा बताई लेकिन उन्हें वहां आश्वासन के सिवां कुछ नहीं मिला। ऐसे में धान की फसल को सूखे ने अपनी चपेट में ले लिया है। जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो चुका है। लेकिन इन गरीबों की ओर जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया है। क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव की हालत देखने के लिए शासन के दूत भी आए थे लेकिन उसके बावजूद गांव के पात्र किसान मुआवजे से वंचित रहे गए। जिससे आहत होकर ग्रामीण रामपाल, सुआ लाल, राजकुमार, शिवदास, शिवसरन, छेदा, हरिनाम गिरि, काशी गिरि, अवनीश ¨सह, घनश्याम, तिलकराम, बांके, श्रीराम, चिरौंजी, बनवारी लाल, हृदयाल, भगवानशरण, रामकुमार, सूपकली, रामरहीश, खूब लाल, राममूर्ति, रामकिशोर, रामौतार, रामस्नेही, लाल बहादुर आदि ने जिलाधिकारी व एसडीएम को पत्र भेजकर एक सप्ताह के अंदर पात्र किसानों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। ऐसा न होने पर उन्होंने आत्मदाह की भी चेतावनी दे दी है। वहीं हल्का लेखपाल लक्ष्मीकांत वाजपेई का कहना है कि इन सभी गांवों की सूची बनाकर 20 मई को तहसील में दे थी।