बच्चों ने सीखी भूकंप से लड़ने की तरकीब
शाहजहांपुर : दैनिक जागरण की ओर से चलाए भूकंप जागरूकता अभियान कितने तैयार हैं हम के तहत रौसरकोठी स्थि
शाहजहांपुर : दैनिक जागरण की ओर से चलाए भूकंप जागरूकता अभियान कितने तैयार हैं हम के तहत रौसरकोठी स्थित आकांक्षा पब्लिक स्कूल में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। ग्लोबल एकेडमी दिल्ली के विशेषज्ञ रोहित शर्मा ने भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से बचाव के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा कहकर नहीं आती है। कुछ टिप्स अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
प्रशिक्षण कार्यशाला में ट्रेनर ने कहा कि भूकंप से बचाव के लिए तीन चरणों में तैयारी करनी चाहिए। भूकंप से पहले, भूकंप के दौरान और भूकंप के बाद। इससे घबराना नहीं चाहिए और धैर्य से काम लेकर जनहानि को रोका जा सकता है। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं पर तमाम उदाहरण पेश करते हुए बताया कि भूकंप आने पर इधर-उधर भागना नहीं चाहिए, बल्कि उसी स्थान पर रुककर बचाव के प्रयास करने चाहिए। भूकंप से तो एक बार को बचाव किया जा सकता है, पर इससे मचने वाली भगदड़ से बचना मुश्किल होगा। भूकंप के झटके आने पर सुरक्षित स्थान पर सिर ढककर छुप जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि भूकंप के दौरान यदि आप दूसरी या तीसरी मंजिल पर हैं तो नीचे उतरने का प्रयास न करें, बल्कि वहीं रुककर बचाव करें। भूकंप के झटके महज दस सेकेंड के लिए आते हैं। ऐसे में ठीक समय आने पर ही बचाव के प्रयास करने चाहिए। मसलन भूकंप के दौरान यदि आप कमरे में हैं तो सोफे, बैड या कुर्सी के नीचे चले जाएं। हमें घर में हर समय इमरजेंसी किट रखनी चाहिए। इसमें पानी की बोतल, जल्दी खराब न होने वाला खाद्य पदार्थ, टार्च अतिरिक्त बैट्री के साथ होनी चाहिए। ताकि हम जहां भी कूच करें तो पूरा दिन सहूलियत से कट जाए। रोहित ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति भूकंप की चपेट में आकर बेहोश हो गया है तो उसे सावधानी पूर्वक उठाना चाहिए। पहले दोनों पैरों को सीधा करें, फिर सिर की तरफ आकर गर्दन के नीचे हाथ डालकर धीरे-धीरे उठायें। अगर व्यक्ति बेहोश है तो हल्का सहारा देकर पीठ के बल करेंगे। भूकंप के दौरान का मॉक ड्रिल भी कराया। वहीं मिट्टी, पानी, कंबल आदि के माध्यम से आग बुझाने के तरीकों पर भी प्रकाश डाला। स्कूल की प्रधानाध्यापिका सोनिया कुदेशिया ने आभार व्यक्त किया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में हमें बताया गया कि भूकंप से पहले, भूकंप के समय और भूकंप के बाद हमें क्या करने चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
-स्वाती रावत
कार्यशाला में हमें आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तृत ढंग से महत्वपूर्ण जानकारियां दी गयीं, जिसका भविष्य में सभी को लाभ मिलेगा।
-प्रतिभा वर्मा
हमें बताया कि भूकंप के दौरान अगर कोई बेहोश व्यक्ति है तो उसे उठाने में बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि जरा सी नासमझी जानलेवा हो सकती है।
-दिव्यांशी ¨सह
भूकंप के दौरान हमें सबसे पहले अपने सिर का बचाव करते हुए मेज आदि के नीचे छिपना चाहिए या फिर खुले मैदान में तुंरत पहुंचना चाहिए।
-शालिनी वर्मा
प्रशिक्षण कार्यशाला में हमें बताया गया कि सभी घरों में इमरजेंसी किट जरूर होनी चाहिए। ताकि भूकंप आने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।
-वर्षा वर्मा
भूकंप के समय हमें भगदड़ से बचना चाहिए, क्योंकि भूकंप तो महज कुछ सेकेंड का होता है, भगदड़ में जानमाल का नुकसान होता है।
-श्याम बरन
भूकंप के समय अगर संयम से काम लिया जाए तो हम अपने बचाव के साथ-साथ दूसरों की भी मदद कर सकते हैं।
-आकाश वर्मा
प्रशिक्षण कार्यशाला में हमें आपदा प्रबंधन के बारे में बहुत सी जानकारियां देने के साथ-साथ मॉक ड्रिल के माध्यम से भी सिखाया गया।
-अखिलेश यादव
भूकंप से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए चलाया जा रहे अभियान काबिले तारीफ पहल है। वैसे भी भूकंप के बारे में जानकारी होने पर ही बचाव हो सकता है। नेपाल में तो देखा ही कि वहां लोगों को पता ही नहीं था क्या करना चाहिए ? इस कारण ही जानमाल का ज्यादा नुकसान हुआ। दैनिक जागरण का एक बार फिर आभार व्यक्त करती हूं।
सोनिया कुदेशिया, प्रधानाध्यापिका
दैनिक जागरण ने भूकंप जागरूकता अभियान के जरिये सामाजिक सरोकारों की भूमिका का निर्वहन किया है।
-पल्लवी राठौर
दैनिक जागरण के अभियान के तहत प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए।
-राजीव कुमार
प्रशिक्षण कार्यशाला में भूकंप से बचाव के साथ-साथ सि¨लडर से आग लगने पर बचाव के तौर तरीकों के बारे में भी बताया गया।
-आकांक्षा मिश्रा
प्रशिक्षण कार्यशाला से हमें भूकंप जैसी आपदा का मुकाबला करने का हौंसला मिला है। यह आयोजन भविष्य में निसंदेह फायदेमंद साबित होगा।
-क्षमा दीक्षित