अघोषित कटौती से रोजेदार परेशान
शाहजहांपुर : बिजली की आपात कटौती ने लोगों की मुश्किल और बढ़ा दी है। गुरुवार की रात भी तीन घंटे की कट
शाहजहांपुर : बिजली की आपात कटौती ने लोगों की मुश्किल और बढ़ा दी है। गुरुवार की रात भी तीन घंटे की कटौती होने से लोग बिलबिला उठे। खासकर रोजेदारों को ज्यादा दिक्कत उठानी पड़ी। रमजान माह में भी बिजली कटौती पर अंकुश नहीं लगने से लोगों में नाराजगी है। गुरुवार को दिन में भी बिजली की आंख मिचौली जारी रही।
बिजली कटौती का सिलसिला नहीं थमने से जनता बेहाल होती जा रही वहीं जिम्मेदार अपनी खामोशी से तमाशा देख रहे है। जनपद में बिजली कटौती से परेशान उपभोक्ता, राजनीतिक पार्टियों के साथ ही अब सामाजिक संगठनों ने भी हो हल्ला मचाना शुरू कर दिया है। महिलाओं के साथ ही बच्चे भी सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जताने लगे है। वहीं विद्युत विभाग के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी भी उन्हे आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ रहे है। अघोषित बिजली कटौती से जहां जनता बेहाल है वहीं किसान भी फसलों की ¨सचाई करने के लिए महंगे डीजल का सहारा लेने को मजबूर हो रहा है।
उपभोक्ताओं की बात
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शिक्षक कमलेश कुमार का मानना है कि लगातार बिजली कटौती से शिक्षा पर प्रभाव पड़ रहा है। कटौती से बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ आम जन मानस पर भी प्रभाव पड़ने लगा है। विभाग अपना जो भी शेड्यूल निर्धारित करें उसके हिसाब से बिजली आपूर्ति मिलनी चाहिए।
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डॉ. पुनीत मनीषी ने कहा कि बिजली कटौती से पूरे समाज की दिनचर्या प्रभावित होने लगती है। सरकार बिजली की दरें तो बढ़ा रही है। लेकिन आपूर्ति ने में लगातार कटौती की जा रही है। सरकार को अपना चुनावी वायदे को पूरा करना चाहिए जिसमे कहा था कि जनपद को कटौती मुक्त किया जाएगा।
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जलालाबाद के श्याम बाबू ¨सह के अनुसार बिजली कटौती व लोकल फाल्ट के कारण न ही व्यक्ति सुकून से आराम कर सकता है और न ही अपने दैनिक कार्यों को पूरा सकता है। वहीं किसान को भी अपनी फसल की ¨सचाई करने के लिए महंगे डीजल का सहारा लेना पड़ रहा है।
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पंकज का कहना है कि सरकार के पास अगर बिजली की कमी है तो उसे जल्द पूरा करना चाहिए ताकि जनता को परेशानी न उठानी पड़े। बिजली कटौती की समस्या सर्व समाज की समस्या है। चौबीस घंटे में कई-कई बार कटौती होने से अन्य विद्युत उपकरण भी शो पीस बनने लगे है।