कर्ज में डूबे दो और किसानों की मौत
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : ओलावृष्टि से गेंहू की फसल बर्बाद होने से किसानों की मौत का थमने का सिल
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : ओलावृष्टि से गेंहू की फसल बर्बाद होने से किसानों की मौत का थमने का सिलसिला थम नहीं रहा है। गेहूं की फसल बर्बाद होने से गढि़या रंगीन क्षेत्र में एक किसान पेड़ से फंदे पर लटक गया जबकि जलालाबाद क्षेत्र में हार्ट अटैक से किसान की मौत हो गई। दोनो किसान पर बैंक व साहूकारों का कर्ज होने से सदमे में थे।
गढि़या रंगीन : कस्बा गढि़या रंगीन निवासी 45 वर्षीय ओमवीरेश के पास 14 बीघा जमीन है। उसने खेत में गेंहू की फसल बोयी थी। उसने तीन दिन पूर्व गेंहू की फसल की गहाई करायी थी। उसके 14 बीघा खेत में गेंहू की पैदावार मात्र पांच कुंटल हुआ था। गेंहू की पैदावार कम होने पर किसान काफी परेशान था कि कर्ज आदि कैसे निपटेगा। रविवार की रात आठ बजे उसे खाना खाया। इसके बाद वह एक कमरे में साने चला गया। वह रात में किसी समय उठा और गांव में एक पेड़ से तहमद से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्रामीण सोमवार की सुबह छह बजे सोकर उठे तो देखा कि उसका शव एक पेड़ से लटका हुआ था। उसके परिवार वाले मौके पर पहुंच गए। परिवार वालों ने थाने में सूचना दी तो पुलिस ने शव को पेड़ से उतरवाया। मृतका की पत्नी बिरजा देवी ने पुलिस को बताया कि उसने गेंहू की फसल बोने के लिए स्टेट बैंक से डेढ़ लाख रुपये कर्ज लिया था। कुछ कर्ज साहूकारों का भी था। एसओ ने तहसील पर सूचना दे दी है।
जलालाबाद : थाना क्षेत्र के गांव बसुआ मई निवासी 50 वर्षीय रामनाथ के पास बीस बीघा जमीन थी। उसने कर्ज लेकर गेंहू की फसल बोयी थी। उसने तीन दिन पूर्व की गहाई करायी तो बीस बीघा में मात्र तीन कुंटल गेंहू की पैदावार हुई थी। उसकी ओलावृष्टि व बारिश से गेंहू की फसल खराब हो गई थी। कम उत्पादन और कर्ज से परेशान किसान रामनाथ के सीने में अचानक दर्द उठा। परिवार वाले उसे एक डाक्टर के यहां ले गए। डाक्टर ने उसे किसन को मृत घोषित कर दिया। मृतक के पुत्र रामनिवास ने बताया कि उसके पिता पर दो लाख रुपये कर्ज था। उसने तहसील पर सूचना दे दी है। परिवार वालों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।