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फिर कांपी जमीन, तो थर्राई पब्लिक

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : भूकंप के झटके रविवार को दूसरे दिन लगने से शहर से लेकर गांवों तक में ख

By Edited By: Published: Sun, 26 Apr 2015 11:20 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2015 11:20 PM (IST)
फिर कांपी जमीन, तो थर्राई पब्लिक

जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : भूकंप के झटके रविवार को दूसरे दिन लगने से शहर से लेकर गांवों तक में खलबली मच गई। लोगों ने खुले स्थानों की ओर दौड़ लगा दी। कुछ ही पलों में स्थिति सामान्य होने पर उन्होंने राहत महसूस की। हालांकि रविवार को भूकंप की तीव्रता कम होने से शनिवार के मुकाबले दस फीसद लोगों ने ही जमीन की हलचल महसूस की। दोबारा भूकंप आने की खबर फैलते ही सभी अपने परिवार की कुशलता जानने को अधीर हो उठे। कुछ ही पलों में स्थिति सामान्य होने और परिजनों बात करने के बाद लोगों ने ईश्वर को धन्यवाद दिया।

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फोटो :: 26एसएचएन 13

लोधीपुर निवासी अधिवक्ता सुधीर पांडेय को लगातार दूसरे दिन धरती कांपने की जानकारी टीवी के जरिए मिली तो परेशान हो उठे। एक दिन पूर्व शनिवार को कचहरी में अचानक कुर्सी हिलने का अनुभव उनके जेहन में एक पल में ताजा हो उठा। उन्होंने बताया कि टीवी के जरिए जानकारी मिली तो भूकंप के झटके की बात परिजनों को बताते हुए अपने परिचितों, रिश्तेदारों को अलर्ट करने के लिए फोन करना शुरू कर दिया। ऐसी दहशत जीवन में पहले कभी नहीं आई।

फोटो :: 26एसएचएन 14

सराइयां निवासी रामौतार तो दूसरे दिन धरती कांपने की खबर एक मित्र ने मोबाइल पर दी। उधर जिला प्रशासन ने भी धरती कांपने की बात स्वीकार कर लिया तो रामौतार की मुश्किल बढ़ी प्रतीत हुई। रामौतार ने कहा कि शनिवार को तो उनकी सांसे थम गयीं थी। उन्होंने शनिवार की याद ताजा करते हुए बताया कि एसडीएम सदर कार्यालय के सामने बैठे थे, तभी जमीन हिली तो एक पल कांप उठे। एक साथ सैकड़ों लोगों को जान बचाने को भागते देखने की याद फिर से ताजा हो गयी। दूसरे दिन की घटना के बाद परिवार के साथ खुले स्थान पर जाकर भगवान से प्रार्थना करने लगे।

फोटो :: 26एसएचएन 15

रोजा निवासी खुशीराम ने कहा कि भूकंप के बारे में अक्सर टीवी व अखबारों के माध्यम से चर्चाएं सुनते रहते थे। लेकिन आज भूकंप का झटका महसूस किया। बताया कि यह एक ऐसी घड़ी थी जो दिल को घंटों झकझोरती रही। भूकंप की अहसास होते ही सबसे पहले परिवार वालों की याद आई और फोन के जरिए उनके हालचाल जाने।

फोटो :: 26एसएचएन16

बरेली निवासी विशेष कुमार एक मी¨टग के सिलसिले में शाहजहांपुर आए हुए हैं। बताया रविवार को सिटी में टहल रहा था कि एक परिचित ने फिर से भूकंप का झटका लगने की जानकारी दी। उसके बाद तो उन्होंने बरेली अपने घर लौटने का निर्णय कर लिया। असल में शनिवार को शहर में एक तीन सितारा होटल में मी¨टग के दौरान लगे भूकंप के झटके को करीब से महसूस किया था।

फोटो :: 26एसएचएन17

आशीष कुमार ने बताया कि दहशत के तीन घंटे का अहसास मंद भी नहीं पड़ा कि रविवार को फिर से धरती कांप उठी। भूकंप की पुराणों में दूसरे तरह की मान्यता है, जो वर्षों के अंतराल में आता है। लेकिन दो दिन में दो बार भूकंप का झटका पर्यावरणीय असंतुलन को दर्शा रहा है। लगातार भूकंप के दो झटकों से मन में घबराहट सी होने लगी। घर से दूर होने के कारण सबसे ज्यादा ¨चता परिजनों की हो रही थी।

फोटो :: 26एसएचएन18

स्टूडेंट बंटी ने बताया भूकंप के झटकों ने उन्हें पूरी तरह से झकझोर दिया है। रविवार को दोपहर में कांपना एक खतरनाक संदेश है। अब प्रत्येक व्यक्ति को साहस का परिचय देना होगा। अपवाहें फैलाने के वजाय हम सब का कत्वर्य बनता है कि प्राकृति आपदा से बचाव के लिए एक-दूसरे से विचार विमर्श करें। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के बजाय इससे बचाने को सभी तरह के जोर आजमाइश हो। असल में प्राकृतिक आपदा से कभी पूरा न होने वाला नुकसान होना तय है।

फोटो :: 26एसएचएन19

शिक्षिका प्रज्ञा ¨सह ने बताया कि रविवार को भूकंप का झटका उन्होंने महसूस नहीं किया। लेकिन दोपहर में करीब साढ़े बारह बजे एक परिचित ने फिर से भूंकप आने की जानकारी दी। रविवार होने की वहज से घर में थी, सो तुरंत टीवी खोलकर बैठ गयी। टीवी में लगातार दूसरे दिन भूकंप आने की खबर ने उन्हें परेशान कर रख दिया। बताया कि शनिवार को टेबल व ¨वडो का हिलना उन्होंन महसूस किया।

फोटो :: 26एसएचएन20

शिक्षिका अर्चना शुक्ला रविवार को कमजोर ही सही भूकंप के झटके से बेहद सदमे में है। उन्हें भूकंप बड़ी मुसीबत नजर आने लगी है। उन्होंन अपने परिवार के साथ ही परिचितों के सुरक्षा का भय सताने लगा है। उन्होंने बताया शनिवार को स्कूल में मौजूद थी जब धरती में कंपन हई। सभी शिक्षिकाएं कक्ष से बाहर निकल कर एक-दूसरे पूछताछ करने लगीं। 24 घंटे में भूकंप की पुनरावृत्ति बड़े खतरे का संदेश है।

फोटो :: 26एसएचएन21

प्राधानाचार्य प्राची मिश्रा रविवार को भूकंप आने की खबर से बेहद परेशान हैं। असल में एक दिन पूर्व शनिवार को आए भूकंप में उनके मकान की दूसरी मंजिल के एक कक्ष में छोटा-सा प्लास्टर का टुकड़ा गिरा था। उस घटना को एक दु:स्वप्न मानकर भूलने की कोशिश कर रही थी कि फिर से भूकंप लगने का झटका उन्हें सदमे में डाल दिया है।


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