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तेल माफिया पर नही हुई कार्रवाई

शाहजहांपुर : विगत सप्ताह कोतवाली पुलिस ने नगर की एक सराय में छापा मारकर हजारों लीटर केरोसिन व एथनाल

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 11:12 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 11:12 PM (IST)
तेल माफिया पर नही हुई कार्रवाई

शाहजहांपुर : विगत सप्ताह कोतवाली पुलिस ने नगर की एक सराय में छापा मारकर हजारों लीटर केरोसिन व एथनाल बरामद किया, लेकिन एक सप्ताह बाद भी अब तक इस मामले में कोई मुकदमा दर्ज न होना प्रशासनिक कार्रवाई सवालिया निशान लगा रहा है।

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क्षेत्र में राशन की दुकानों पर वितरण होने वाला केरोसिन माफियाओं एवं पूर्ति विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से खुले मार्केट में विक्रय किया जा रहा है। इस मामले में ग्रामीणों की तमाम शिकायतों के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने तो कभी कोई कार्रवाई नही की, लेकिन विगत 25 मार्च को कोतवाल रूम सिंह यादव के निर्देशन में चले छापामार कार्रवाई अभियान के दौरान पुलिस ने बिरियागंज पुलिस चौकी के निकट एक सरायं में छापा मारकर हजारों लीटर नीला केरोसिन व एथनाल बरामद किया था।

इस मामले में पुलिस ने एक युवक को हिरासत में लेकर जब पूछताछ की तो उसने बताया कि इस कारोबार को कस्बा अन्तर्गत मुहल्ला दातागंज के दो तेल माफिया द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। कोतवाल रूम सिंह यादव ने बरामद तेल को कब्जे में लेने के साथ ही बताया कि आरोपी तेल माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई हेतु संस्तुति रिपोर्ट डीएम को प्रेषित की गई है, लेकिन गौरतलब पहलू यह है कि जहां सभी मामलों में रिपोर्ट प्रेषित करने के 24 घंटे के अन्दर डीएम कार्यालय से कार्रवाई के निर्देश निर्गत हो जाते हैं, वहीं इस मामले में एक सप्ताह बीतने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई न होने से पुलिस तथा प्रशासनिक पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।

हालांकि कोतवाल ने बताया कि दो दिन की छापेमारी के दौरान बरामद हुए हजारों लीटर केरोसिन की रिपोर्ट डीएम व एसपी को प्रेषित की गई है, उनके द्वारा मुकदमें की संस्तुति दिये जाते ही आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जायेगा।

इंसेट :-

दो वर्ष में 14 बार कार्रवाई, फिर भी नहीं रुका तेल का खेल

तिलहर : दो साल में तेल व गल्ला माफियाओं के विरुद्ध 14 बार छापामार कार्रवाई में भारी बरामदगी के बावजूद अब तक कड़ी कार्रवाई न होने से माफियाओं के हौसले लगातार बुलंद है।

ज्ञात रहे कि तेल व गल्ला माफियाओं के विरुद्ध प्रशासन की छापामार कार्रवाई पर नजर डालें तो वर्ष 2013 की 3 मई को मुहल्ला निजामगंज में 750 लीटर केरोसिन बरामद किया था, 15 मई को मोहल्ला सैय्यदबाड़ा के एक कोटेदार के यहां, 4 जुलाई को बहादुरगंज के कोटेदार, 28 दिसंबर को ढका उधरनपुर के कोटेदार के यहां छापा मारकर प्रशासन ने मुकदमें दर्ज कराये थे, जबकि गत वर्ष 26 मई को खाद्यान्न के उठान के दौरान अनियमितता मिलने पर बिरसिंगपुर के कोटेदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज हुआ था। इसी दौरान तत्कालीन डीएम राजमणि यादव के निर्देश पर एसडीएम सदर ने छापा मारकर एक ढाबे से हजारों लीटर केरोसिन बरामद कर उस कमरे को सील कर दिया, लेकिन 24 घंटे बाद जब कमरा खोला गया तो उससे पूर्व ही रात के अंधेरे में तेल के सभी ड्रम गायब हो गये।

इसी क्रम में प्रशासन ने सात व आठ जून को जहां मुहल्ला बारहपत्थर व डड़िया बाजार में छापा मारकर तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया, वहीं नौ जून को निवर्तमान एसडीएम बीडी वर्मा ने नगर की गुरगवां सरायं में छापा मारकर 25 ड्रमों में 5000 लीटर केरोसिन, 52 खाली ड्रम, नीले कैरोसीन को रंगहीन बनाने वाला 8 बोरे टामसिल आप्टिमम कंपनी का पाउडर, नकली डीजल बनाने में प्रयुक्त होने वाले कैमिकल व मोबिल के 8 ड्रम बरामद करने के साथ ही अवैध शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाला 1680 लीटर एथनाल एल्कोहल तथा शराब में प्रयुक्त होने वाली ऑरेंज कलर आर्गेनिक कैमिकल की दर्जन भर शीशियों सहित भारी मात्रा में सामान बरामद किया था। इस दौरान भी तमाम सफेदपोशों के नाम उजागर हुए थे, लेकिन सत्ता के गलियारों की धमक के चलते पूरा मामला मात्र दफा 60 में दर्ज होकर रह गया।


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