लीड : बा स्कूल में निकल रही छात्राओं का 'आह'
खुटार (शाहजहांपुर) : हाड़ कंपाने वाली ठंड और उसमें टूटे तख्त और टूटी कुर्सियां, न बैठने और ने लेटने
खुटार (शाहजहांपुर) : हाड़ कंपाने वाली ठंड और उसमें टूटे तख्त और टूटी कुर्सियां, न बैठने और ने लेटने का आराम। यह हाल है बा स्कूल का। अव्यवस्थाओं की चपेट में छात्राएं तमाम परेशानियां झेलने को मजबूर हैं।
यह दृश्य किसी यातनागृह का नहीं है, बल्कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खुटार का है। जहां लेटने तो क्या बैठने तक का भी पुरकस इंतजाम नहीं है। बा स्कूल में छात्राओं के लेटने वाले 35 तख्त टूटे हैं। तख्त के पाए टूट जाने पर ईटों का चट्टा लगाकर पाए का काम लिया जा रहा है। अक्सर हिलने-डुलने से ईटें सरक जाती हैं और छात्राएं चोटिल हो जाती हैं। वही सारी कुर्सियां टूट गई हैं। जिसकी वजह से न तो छात्राएं सुकून से कुर्सी पर बैठकर पढ़ सकती हैं और न ही आराम से ऊंचे-नीचे तख्त पर लेट पा रही हैं। यह उन गरीब छात्राओं की मजबूरी ही है जो घर से लेकर स्कूल तक मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं हैं।
इतना ही नहीं बा स्कूल में सुरक्षा का भी इंतजाम आधा अधूरा ही है। मेन गेट का प्लास्टर टूट गया है। इससे गेट की ईटें दिखने लगी हैं। कोई असामाजिक तत्व भी जरा सा जोर लगाकर दरवाजे का कुंडा अलग कर आराम से अंदर घुस सकता है। हालांकि बा स्कूल में एबीएसए ने टूटे 74 शीशे लगवा दिए हैं।
गौरतलब है कि जब खंड शिक्षाधिकारी राजेश चतुर्वेदी ने बा स्कूल का आकस्मिक निरीक्षण किया तो लेखाकार राजीव कुमार को 11 बजे बा स्कूल में प्रवेश करते पाया। बा स्कूल में सौ सापेक्ष 88 छात्राएं मौके पर उपस्थित पाई गई। बा स्कूल मे 15 संविदा कर्मियों का स्टाफ है। जिनमें वार्डेन अनीता शुक्ला, शिक्षिका सफीना खानम, किरन वाजपेयी, शैलेंद्री देवी, गीता सिंह, प्रभात मिश्र, आराधना श्रीवास्तव, सपना वाजपेयी, सर्वेश कुमार कार्यरत हैं। वहीं मीरा शुक्ला, कलावती व उर्मिला देवी रसोइया हैं।
खुटार बा स्कूल को गोद ले चुके मकसूदापुर चीनी मिल के जनरल मैनेजर केएन तिवारी ने बताया कि जीएम को इन आवश्यकताओं के संबंध में लिखित प्रस्ताव दे चुके हैं। साथ ही बाउंड्रीवाल के लिए भी लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई इमदाद के आसार नहीं नजर आ रहे हैं।