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चुंबक की तरह खींच ले गई मौत

शाहजहांपुर : नौ परिवारों के लिए शुक्रवार का दिन मनहूस साबित हुआ। घर से हंसते-मुस्कराते निकले लोग मौत

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 11:20 PM (IST)
चुंबक की तरह खींच ले गई मौत

शाहजहांपुर : नौ परिवारों के लिए शुक्रवार का दिन मनहूस साबित हुआ। घर से हंसते-मुस्कराते निकले लोग मौत के मुंह में समा गए। परिवार के लिए छोड़ गए आंसू। जिसने सुना उनके घर की तरफ दौड़ पड़ा। अधिकतर लोग ऐसे थे जिनका उस मौतदूत मैक्स में बैठना महज इत्तफाक था। काल का बुलावा ही आया था वरना अधिकांश लोग बस के इंतजार में खड़े थे। फिर पता नहीं क्या मन बना कि मैक्स में सवार हो गए। मौत चुंबक की तरह उन्हें अपनी ओर खींच ले गई।

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ठंड है, जल्दी लौट आना

सदर बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला हद्दफ निवासी रतिराम एलआइसी पुवायां में बाबू थे। वह अपने पीछे पत्‍‌नी महेश्वरी, तीन पुत्र तथा एक पुत्री छोड़ गए है। उसकी पत्‍‌नी ने रतिराम के घर से निकलते समय कहा था कि जल्दी लौट आना, आज ठंड बहुत है। रतिराम के परिजन पोस्टमार्टम हाउस में पछाड़ खाकर गिर रहे थे।

रामभरोसे रोजाना करते थे अप-डाउन रोजा थाना क्षेत्र के गांव हथौड़ा निवासी रामभरोसे पुवायां में कोल्ड स्टोर पर मुनीम थे। वह रोजाना अप डाउन किया करते है। वह अपनी पीछे पत्‍‌नी मुन्नी देवी, तीन पुत्र तथा तीन पुत्रियों छोड़ गए है। मौत की खबर सुनकर परिवार में कोहराम मच गया। घर से निकलते वक्त जल्द आने को बोला था लेकिन क्या पता था कि कभी वापस नहीं लौटेंगे।

बाइक से जाते थे रोजाना

सदर बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला दिलाजाक निवासी मृतक रजनीश श्रीवास्तव पुवायां मे लेखपाल थे। वह अपने पीछे पत्‍‌नी रेनू, एक पुत्र तथा एक पुत्री छोड़ गए है। उनकी पत्‍‌नी का करुण क्रंदन सुनकर सबकी आंखें नम हो गई। वह चीख-चीखकर कह रही थी कि वह रोजाना बाइक से जाते थे, ठंड होने के कारण उन्होंने कहा कि बस से जाएंगे।

कहां जा रहे हो, आज छुट्टी है

सदर बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला मल्हार टाकीज निकट विनीत सिंह तहसील पुवायां में संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर था। वह अपने पीछे पत्‍‌नी, एक पुत्र तथा एक पुत्री छोड़ गया है। परिवार वालों ने कहा कि आज छुट्टी है, कहां जा रहे हो। उसने कहा कि काम करने के लिए बुलाया है। जल्द काम निपटाकर लौट आउंगा।

पापा चीज लेकर आना

सदर बाजार थाना क्षेत्र के मुहल्ला बाडृजई निवासी नरसिंह पुवायां में लेखपाल थे। वह अपने पीछे पत्‍‌नी सर्वेशा, दो पुत्र तथा चार पुत्रियां छोड़ गए। बच्चों ने निकलते वक्त कहा कि पापा जल्दी आ जाना और कुछ चीज खाने के लिए ले आना। पति की मौत की पत्‍‌नी का रो-रोकर बुराहाल है। मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया था।

घर पर पहुंचा शव

बंडा थाना क्षेत्र के गांव छज्जूपुर निवासी मृतक बलविंदर सिंह चालक है। वह शहर में किसी का ट्रक चलाता है। उसने अपनी पत्‍‌नी महेंद्र कौर को फोन करके बताया कि आ रहा हूं। वह तो घर नहीं पहुंचे लेकिन उनका शव घर पहुंचा। वह अपने पीछे दो पुत्र तथा एक पुत्री छोड़ गया है।

मौत ने ही बुला लिया

रोजा थाना क्षेत्र के मुहल्ला लोधीपुर निवासी मृतक अशोक कुमार भी पुवायां में लेखपाल हैं। तहसील में वह कंप्यूटर का भी काम करते हैं। वह अपने पीछे पत्‍‌नी मीना देवी तथा दो पुत्र छोड़ गए है। परिवार वालों ने कहा ठंड है काम करके जल्दी आ जाना। मौसम ठीक नहीं है।

लेखपालों को मौत खींच ले गई

शहीद दिवस पर सरकारी कार्यालय में अवकाश था लेकिन पुवायां तहसील में लेखपाल अशोक कुमार, रजनीश श्रीवास्तव, नरसिंह तथा संविदा पर कंप्यूटर आपरेटर विनीत सिंह को अवकाश वाले दिन भी काम करने के लिए बुला लिया गया था। उन लोगों से कहा गया था कि कुछ काम है और आकर निपटा लेना। चारों लोग मौसम ठंडा होने के कारण घर से देर से निकले। चारों लोग बस अड्डे पर मिले। चारों ने एक बार मन मनाया कि ठंड है और बस से चलेंगे। लेकिन चारों के मन में क्या आया है कि बस अड्डे के सामने खड़ी 'मौतदूत' मैक्स पर बैठ गए। तहसील के कर्मचारियों ने बताया कि वैसे ये लोग हमेशा बस से आते-जाते थे। चारों को मौत खींच कर ले गई।

कफन पर पेन से नाम डाले

जिला अस्पताल से वाहनों से नौ शव विच्छेदन गृह पहुंचे। शव के कफन पर मरने वालों के नाम डाले जा रहे थे कि कहीं शव बदल न जाएं। पोस्टमार्टम हाउस पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे।


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