सर्दियों में ठिठुर रहीं बा की छात्राएं
शाहजहांपुर : स्थानीय कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राएं सर्दियों में ठिठुरने को मजबूर
शाहजहांपुर : स्थानीय कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की छात्राएं सर्दियों में ठिठुरने को मजबूर हैं। स्वेटर न मिलने से दिक्कत झेल रही छात्राओं को रात में टूटी खिड़कियों से आने वाली सर्द हवाएं ठिठुरा रही हैं। डीएम के निर्देश के बावजूद खिड़कियों के टूटे शीशे नहीं लगाए गए हैं।
बीते मंगलवार को डीएम शुभ्रा सक्सेना ने स्थानीय बा स्कूल का निरीक्षण किया था। स्कूल के आवासीय कमरों की खिड़कियों के शीशे टूटे देखकर डीएम ने कड़ी नाराजगी जताई थी साथ ही तीन दिन में शीशे लगवाने के निर्देश दिए थे। चार दिन बीत जाने के बावजूद खिड़कियों के टूटे शीशे नहीं बदले गए हैं। जिसके कारण रात में खिड़कियों से आने वाली सर्द हवाओं छात्राएं ठिठुरने को मजबूर हैं। यही नहीं छात्राओं को स्वेटर न मिलने से भी दिक्कतें हो रही हैं। इस दौरान डीएम का स्कूल में नामांकन के सापेक्ष छात्राओं की उपस्थिति भी कम मिली थी। साथ ही शिक्षण गुणवत्ता निम्न स्तर की मिलने पर डीएम ने बीएसए को शिक्षिका का एक दिन का वेतन काटने तथा विद्यालय में प्रभावी नियंत्रण न होने व अन्य कमियों पर वार्डेन का पांच दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा स्कूल के सामने श्री जानकी महराज इंटर कालेज द्वारा लगाए गए मिट्टी के ढेर को भी तीन दिन में हटवाने के निर्देश दिए थे। मिट्टी के ढेर भी नहीं हटाए गए हैं।
इनसेट
बाउंड्रीवाल न होने से छात्राएं असुरक्षित
बस्ती से बाहर बने इस स्कूल में बाउंड्रीवाल न होने से सुरक्षा की दृष्टि से भी छात्राएं दिक्कत में हैं। इस बावत वार्डेन का कहना है कि इसके लिए बीएसए को पत्र भेजकर होमगार्ड की मांग की गई है।
वार्डेन के बोल
वार्डेन आकांक्षा गुप्ता ने बताया कि खिड़कियों में गत्ता लगवा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल को मैक्डॉवल कंपनी ने गोद लिया है, खिड़कियों के टूटे लगवाने का कार्य कंपनी ही कराएगी।