बदमाशों के निशाने पर बगैर स्कार्ट की ट्रेनें
शाहजहांपुर : लखनऊ-मुरादाबाद रेलखंड पर बगैर स्कार्ट की ट्रेनें बदमाशों के निशाने पर हैं। सात माह में कर्मभूमि एक्सप्रेस को निशाना बनाने की दूसरी घटना से स्पष्ट हो गया है। सुरक्षा में चूक भांप बदमाश पूर्व 'बाघ' एक्सप्रेस, लखनऊ मेल को निशाना बना चुके हैं।
अमृतसर से जलपाइगुड़ी को जाने वाली कर्मभूमि एक्सप्रेस लंबी दूरी की रन-थ्रू ट्रेन है। मुरादाबाद के बाद ट्रेन का स्टापेज सीधा सीतापुर में करीब दो सौ किमी. की सफर के बाद रुकती है। अहम है कि इस साप्ताहिक ट्रेन में बगैर सुरक्षा की ही दौड़ाई जाती है। सुरक्षा में इसी चूक को भांप बदमाशों ने दूसरी बार कर्मभूमि को निशाना बना लिया। करीब ढाई सौ यात्रियों से लाखों रुपये लूट लिए। बीते सात फरवरी को भी बदमाश कर्मभूमि एक्सप्रेस को निशाना बनाकर लाखों की लूट किए थे। रेल प्रशासन एवं जीआरपी की सटीक सुरक्षा रणनीति न होने से बदमाश ट्रेनों में कहर बरपाने का सिलसिला जारी रखे हैं। चुनाव के समय लखनऊ मेल की अप एवं डाउन दोनों ट्रेनों में बदमाशों ने लूटपाट की थी। इस वीआइपी ट्रेन में हुई लूट की घटना सुर्खियां बनीं तो उच्चाधिकारियों ने लोकसभा चुनाव में फोर्स का टोटा होने की बात कहकर गला बचाने की कोशिश की थी। इससे साफ है कि बदमाश बगैर सुरक्षा वाली ट्रेनों को ही निशाना बना रहे हैं। लोकसभा चुनाव को कौन कहे सरकार का गठन हुए सौ दिन पूरे होने जा रहे हैं। जिम्मेदार सुरक्षा एजेंसियों को चाहिए कि ट्रेनों में बदस्तूर अपराधिक वारदात रोकने को नए सिरे से सुरक्षा पर होमवर्क कर बदमाशों की लगाम कसे।
सूचनाएं बेच मालामाल हो रहे वेंडर
जरायम के बादशाह अनाधिकृत वेंडरों को मुखबिर बनाए हैं। दरअसल अनाधिकृत वेंडरों का जबरदस्त नेटवर्क मुरादाबाद-लखनऊ रेलखंड पर है। पिछली बार चेन बेचने वाला बनकर ही कर्मभूमि एक्सप्रेस में बदमाश घुसे थे। उस बार भी दो ही कोच का निशाना बनाकर लूटपाट की थी।
इन ट्रेनों में हो चुकी है वारदात
इससे पूर्व के क्रम में सद्भावना एक्सप्रेस, मोरध्वज एक्सप्रेस, नौचंदी, कर्मभूमि एक्सप्रेस में लूट की घटनाओं समेत लंबी फेहरिस्त है। कर्मभूमि एक्सप्रेस में पहले हुई लूट मामले में जीआरपी बदमाशों को दबोच चुकी है। बदमाश मुरादाबाद के ही निकले थे।