मनरेगा जांच को सीबीआई की दस्तक, प्रशासन में हड़कंप
शाहजहांपुर : मनरेगा कार्यो की जांच के लिए सीबीआई ने जिले में दस्तक दे दी है। लखनऊ परिक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक ने प्रशासन से पांच साल का ब्योरा तलब किया है। तीन बिंदुओं के तहत ग्राम पंचायतवार मांगी गई रिपोर्ट से प्रशासन से ग्राम पंचायत स्तर तक हड़कंप मच गया है।
क्रिमिनल इंटेलीजेंस ब्यूरो ने जनपद के दो दर्जन जिलों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के तहत कराए गए कार्यो की जांच शुरू की है। जांच में शाहजहांपुर का भी नाम शामिल है। सीबीआई के पुलिस अधीक्षक ने मनरेगा कार्यो का ब्योरा उपलब्ध कराने के लिए यहां चिट्ठी भेज दी है। एसपी ने खत में दस दिन के भीतर मनरेगा का तीन बिंदुओं के तहत ब्योरा मांगा है। वर्ष 2007-08 से 2011-12 तक के मांगे गए ब्योरे के तहत कहा गया कि कितनी रकम से क्या, क्या कार्य हुए मदवार हिसाब दिया जाए। यही नहीं सीबीआई एसपी ने पांच साल की अवधि में कराए गए कार्यो की लोकेशन को भी ग्राम पंचायतवार मांगा है।
रिपोर्ट तैयार करने में जुटे मनरेगा कर्मी
सीबीआई जांच की दस्तक से मनरेगा महकमा ब्योरा तैयार करने में जुट गया है। असिस्टेंट कमिश्नर संतोष पांडेय के निर्देशन में सारा ब्योरा तैयार किया जा रहा है। इससे विकास भवन से लेकर विकास खंड, ग्राम पंचायत तथा डेढ़ दर्जन विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।