नक्कारखाने में गूंजते रहे 'स्कूल चलो' के नारे
शाहजहांपुर : छह से चौदह साल तक के हर बच्चे को शिक्षा का अनिवार्य अधिकार दिलाने की मुहिम के रास्ते में सरकारी सुस्ती सबसे बड़ा रोड़ा उभर कर सामने आ रही है। स्कूलों की जमीनी हकीकत का समर्थन तो आंकड़े भी करते हैं। स्कूल चलो रैलियां खानापूर्ति बनीं तो अज्ञानता का अंधकार छंटता नहीं दिख रहा।
जिले की साक्षरता दर की बात करें तो जनगणना-2011 के अनुसार जिले में 14, 90930 साक्षर हैं। इनमें से 915142 पुरुष और 5, 75788 महिलाएं हैं। साक्षरता दर महज 59.54 फीसद है। करीब एक प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही साक्षरता साबित करती है कि केरल (93.91) आदि शिक्षित राज्यों की होड़ में शामिल होने में हम कहीं पीछे हैं। एक जुलाई से चलाए गए स्कूल चलो अभियान का कागजी असर अधिक नजर आ रहा है। विगत वर्ष पूरे जनपद में थे चार लाख 19 हजार छात्र-छात्राएं बेसिक शिक्षा में पंजीकृत थे। फिलहाल तो एक जुलाई से 20 अगस्त तक इस अभियान की क्या प्रगति रही इसके बारे में बेसिक शिक्षा विभाग कुछ बता पाने में असमर्थ नजर आ रहा है। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बजट जरूर जारी हुआ लेकिन कहां-कैसे खर्च हुआ पता नहीं। प्रति न्याय पंचायत 2, 436 के हिसाब से 116 न्याय पंचायत को 299688 रुपये इस वर्ष स्कूल चलो अभियान के लिए आया था। शहर में होने वाली स्कूल चलो रैली आदि के लिए आकस्मिक व्यय मद से पैसा खर्च हुआ। हालांकि शहर में जिलास्तर की विशाल रैली का आयोजन किया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि स्लोगन-पंफलेट, वॉल पेंटिंग आदि के जरिये लोगों में जागरूकता बढ़ी है। फिर भी अपेक्षाकृत परिणाम सामने नहीं आया है। कई बेसिक विद्यालयों में रैली की औपचारिकता पूर्ण की गई तो कुछ ने अखबारों में तस्वीर छपवा कर इतिश्री कर ली। रैली के जरिये पैदा हुई जागरुकता को भुनाने का प्रयास पूरे मन से नहीं हुआ। जिलास्तर पर अधिकारियों के मॉनीटरिंग के अभाव से स्कूल चलो अभियान खानापूरी ही साबित हुआ।
बेसिक शिक्षा एक नजर में
प्राथमिक विद्यालय-2294
जूनियर विद्यालय-897
कस्तूरबा विद्यालय-16
मदरसा-157
विगत वर्ष पंजीकृत विद्यार्थी-चार लाख 19 हजार
औसत साक्षरता दर- 59.54
मेल-68.18
फीमेल-49.57
टोटल साक्षर-1490930
पुरुष- 915142
स्त्री- 575788
(वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक)
साक्षरता दर
49.09
मेल-59.73
फीमेल-36.25
टोटल साक्षर - 1004296
(वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक)
अभियान से संतुष्ट बीएसए
सरकार की ओर से निर्देशित अभियान को विभाग ने जिले में बखूबी संचालित किया है। लोगों ने भी भरपूर उत्साह दिखाया है। उम्मीद है इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। अब जिम्मेदारी हमारी है कि हम बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराएं। इसके लिए शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बीएसए राजेश कुमार वर्मा।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत सभी न्याय पंचायतों को समय से बजट उपलब्ध करा दिया गया था। सुनिश्चित किया गया कि सभी स्कूल रैली निकालें और प्रचार साधनों से आसपास के बच्चों को स्कूल लाने का प्रयास करें। सितंबर में आंकड़े साफ होने के बाद समीक्षा की जाएगी कि अभियान कितना सफल रहा।
पीपी सिंह, एएओ सर्व शिक्षा अभियान।