लाउडस्पीकर बजाने के विवाद में दो पक्ष आमने-सामने
-एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट ने संभाला मोर्चा, मशक्कत के बाद समझौता
-पीड़ित को एक पुलिस अधिकारी के हड़काने से बढ़ी नाराजगी
फोटो : 20 एसएचएन 2 से 6 जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : शहीद नगरी बुधवार को आग की लपटों में घिरने से बच गयी। मंदिर में डेक बजाने के विवाद में मंगलवार रात दो समुदाय के लोग आमने सामने आ गए। डेक बजाने का विरोध करते हुए मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की। सुबह घटना की जानकारी होने पर इकट्ठा हुए लोग सदर-बाजार थाने पहुंच गए। विवाद की गंभीरता को भांपते हुए एडीएम पीके श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त, सीओ सिटी राजेश्वर सिंह दलबल के साथ मौके पर जा पहुंचे। दोनों पक्षों से बातचीत कर विवाद में समझौता करा दिया।
सदर-बाजार अंतर्गत शांतिपुरम कॉलोनी में एक धार्मिक स्थल पर शाम को साढ़े सात बजे डेक बज रहा था। आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले एक डाक्टर ने अपने परिवारीजनों के साथ मंदिर में तोड़फोड़ की। पुजारी प्रेमप्रकाश पांडेय के विरोध करने पर समुदाय विशेष के लोग सामने आ गए। बुधवार सुबह लोगों को ज्यादती की जानकारी हुई तो पुजारी के साथ लोग सदर-बाजार थाने धमक पड़े। इंस्पेक्टर जेपी परिहार लोगों को समझाने में जुट गए। लोगों के आक्रोश को देखते हुए इंस्पेक्टर ने उच्चाधिकारियों को इत्तला दी। सीओ राजेश्वर सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त पहुंच गए। भारी फोर्स शांति पुरम कॉलोनी स्थित बालाजी मंदिर जा पहुंचा। विवाद को समझने के बाद खाकी ने पुजारी प्रेमप्रकाश पांडेय को हड़काना शुरू कर दिया। खाकी का सख्त रुख देख लोगों में आक्रोश भड़क उठा। उधर साम्प्रदायिक विवाद की सूचना लखनऊ में मीटिंग को बुलाए गए डीएम शुभ्रा सक्सेना एवं एसपी राकेश चंद्र साहू को हुई। दोनों अधिकारियों ने मातहतों को मामला सुलझाने के निर्देश दिए। डीएम के आदेश पर एडीएम पीके श्रीवास्तव पहुंच गए। मान-मनौव्वल शुरू हुआ तो बहुत देर बाद दोनो पक्ष समझौते को राजी हुए।
विवाद की खबर ने उड़ाई नींद
पिछले कई वर्षो से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर शहर की शांति में खलल पड़ते आ रहा है। अबकी कान्हा का जन्मदिन पर शांति कायम रहने से खाकी खुश थी। बुधवार को ज्यों ही शांति पुरम कॉलोनी स्थित धार्मिक स्थल में लाउडस्पीकर बजाने का विवाद सामने आया पुलिस के हाथ पैर फूल गए। सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त, सीओ सिटी राजेश्वर सिंह मौके पर जा पहुंचे। बातचीत में विवाद लाउडस्पीकर बजाने का सामने आया तो प्रशासनिक अधिकारी सुलझाने में जुट गए।
दिन चढ़ने के साथ उग्र हुए लोग
रात में कान्हा के जन्म की मस्ती में डूबे रहे लोगों को सुबह एक पक्ष की ज्यादती की जानकारी हुई। विभिन्न संचार माध्यमों से विवाद की बात लोगों तक पहुंची तो भीड़ इकट्ठा होने लगी। असल में एक पक्ष ने जबरदस्ती का परिचय देते हुए धार्मिक स्थल पर लगे डेक में तोड़फोड़ कर डाली। प्रत्येक वर्ष पर्व पर ही विघ्न डालने की बात लोगों के समझ से परे थी। पब्लिक की उग्रता को भांपते हुए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने मान-मनौव्वल कर मामले मे दोनों पक्षों से राजीनामा लिखा लिया।
लखनऊ से कार्रवाई का संचालन
राजधानी में पहले से निर्धारित मीटिंग में सहभागिता को डीएम, एसपी लखनऊ में थे। जिले में गर्माहट की खबर लगते ही उच्चाधिकारियों की नींद उड़ गयी। आलाधिकारियों के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं फाइनेंस पीके श्रीवास्तव मौके पर जा पहुंचे। दोनों पक्षों से अलग-अलग वार्ता के बाद प्रशासन ने समझौते के लिए जिम्मेदारों को राजी कर लिया।
अशोभनीय रहा 'खाकी' का व्यवहार
विवाद की इत्तला पर पहुंचा एक पुलिस अधिकारी एक पक्ष के व्यक्ति से अशोभनीय व्यवहार करने लगा। प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में उक्त अधिकारी ने अशोभनीय शब्दों की झड़ी लगा दी। अहम रहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में खाकी की बदजुबानी को सरकार की बिगाड़ने वाला करार दे रहे थे।
प्रत्येक वर्ष होता है विवाद
पिछले तीन वर्षो के आंकड़े पर गौर करें तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विवाद एक दस्तूर बन चुका है। अंकुश के लिए अबकी पुलिस अधिकारी जुबानी तौर पर गंभीर भी दिखे। अलग बात है कि जमीन पर पुलिस की कार्रवाई जुबानी जज्बात के मुकाबले कम रही। एसपी राकेश चंद्र साहू ने पर्याप्त मात्रा में फोर्स उपलब्ध करा दिया था।
उच्चाधिकारियों को भेजेंगे रिपोर्ट
विवाद की इत्तला पर पहुंचे एडीएम पीके श्रीवास्तव, सिटी मजिस्ट्रेट सीताराम गुप्त ने समझौते की पूरी फाइल हासिल कर ली। दोनों ने अपने स्तर पर उच्चाधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेजने की बात कही है।