Move to Jagran APP

वृक्ष धरा का हैं श्रृंगार

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 12:34 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 12:34 AM (IST)
वृक्ष धरा का हैं श्रृंगार

शाहजहांपुर : भारतीय संस्कृति की प्रकृति मनुष्य के बीच समन्वय करने वाली रही है। हमने वृक्षों को देवताओं के रूप में पूजा, क्योंकि उनके उपकार के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ये विचार एसएस कॉलेज के प्राचार्य डा. अवनीश मिश्र ने व्यक्त किए। डा. मिश्र महाविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं शोध अध्ययन शिक्षक प्रशिक्षण विभाग द्वारा डीएस इंटर कॉलेज एवं धनवंतरी जूनियर हाईस्कूल में किए गए वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर बीएड व बीटीसी के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि जबतक धरती पर वृक्ष हैं, तभी तक जीवन शेष है। यदि हमें प्राणीमात्र की रक्षा करनी है तो वृक्षों को संरक्षित करने के साथ नए वृक्ष लगाने होंगे। देश भौतिकवादी अंधी दौड़ में प्रकृति द्वारा प्रदान किए उपहार को मुफ्त का समझकर उपभोग कर रहे हैं। यही एक दिन हमारे विनाश का कारण बनेगा। यदि हम अपना विनाश नहीं चाहते तो अगली पीढ़ी के लिए हमें धरती पर पेड़ लगाने होंगे। वहीं डीएस कॉलेज प्रधानाचार्य डा. अमीर सिंह ने कहा कि प्रदूषण को रोकने की साम‌र्थ्य पेड़-पौधों में ही है। कार्यक्रम संयोजक डा. प्रभात शुक्ल रहे। इस मौके पर बीएड, बीटीसी व एमएड के विद्यार्थियों द्वारा नीम, कचनार, आंवला, गोल्डमेहर आदि के बहुपयोगी वृक्ष विद्यालय प्रांगण में रोपे। कार्यक्रम में तीनों विद्यालयों के शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.