गोदामों में सड़ रहा करोड़ों रुपया का खाद्यान्न
शाहजहांपुर : नीति निर्धारकों के लाख प्रयासों के बावजूद मासूमों के हिस्से का अनाज उन तक भलीभांति नहीं पहुंच पा रहा है। एक ओर जहां इंटर कॉलेजों में खाद्यान्न इफरात है, सड़ने के कगार पर है वहीं परिषदीय विद्यालयों में सामग्री के अभाव में मिड-डे-मील कभी बनता है तो कभी नहीं। इस खुली बर्बादी को सभी जान रहे हैं लेकिन कोई कदम नहीं उठा रहे।
अनाज की कीमत बिना बटन की फटी कमीज-फ्राक पहने उन बच्चों से पूछी जाए जो गल्ला मंडी में दुकानें बंद हो जाने के बाद जमीन में गिरे पड़े दानों को बीन-बीनकर शाम को पूरा घर पेट की आग शांत करता है। ऐसे दयनीय हालात होने के बावजूद इंटर कॉलेजों में मध्याह्न भोजन के लिए जारी खाद्यान्न महीनों से चूहों का निवाला बन रहा है। इस पर भी जुलाई का खाद्यान्न फिर से आवंटित हो जाता है। 'जागरण संवाददाता' ने सोमवार को नगर के कई कॉलेजों में जमा अनाज की दुर्दशा का जायजा लिया। इसमें देवीप्रसाद इंटर कॉलेज के एमडीएम इंचार्ज चंद्रवीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में चावल 6 क्विंटल, 66 किलो व चावल 4 क्विंटल, 25 किलो खाद्यान्न मौजूद है।
इसके बावजूद जुलाई में 4 क्विंटल, 29 किलो गेहूं व 5 क्विंटल, 99 किलो चावल प्राप्त कर लिया गया। अरबी-फारसी बोर्ड से संचालित मदरसा एनुल इल्म महमंद हद्दफ में अव्वल से दर्जा आठ तक पढ़ाई होती है। यहां प्रधानाचार्य जावेद अख्तर कासमी ने बताया कि मदरसा गोदाम में पिछला बचा हुआ खाद्यान्न 230.8 किग्रा गेहूं तथा 871.4 किग्रा चावल रखा था। इसके बावजूद 2 जुलाई को और अनाज ले लिया गया। जुलाई माह में 194 किग्रा गेहूं, 377 किग्रा चावल की डिमांड पूरी कर दी गई। यहां वर्तमान में कुल 15 क्विंटल 64 किलो अनाज मौजूद है।
जनता इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य सुनील पांडेय ने बताया कि पहले का 992 किलो गेहूं व 2122 किलो चावल मौजूद था। इसके बावजूद 3 जुलाई को 475 किलो गेहूं व 637 किलो चावल प्राप्त कर लिया गया। जबकि इससे पूर्व 417 किलो गेहूं व 1483 किलो चावल मई माह का स्टॉक था। प्रधानाचार्य ने बताया कि कंवर्जन कास्ट बहुधा देर से प्राप्त होने से एमडीएम लगातार नहीं बन पाता है।
आर्यकन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या बीनारानी रस्तोगी ने बताया कि वर्तमान में 10 क्विंटल गेहूं व 20 क्विंटल चावल मौजूद है। जबकि आर्य महिला इंटर कॉलेज में जमा खाद्यान्न का ब्यौरा देने के लिए कोई मौजूद नहीं था।
कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग खस्ताहाल होने पर पूरा विद्यालय नए भवन में शिफ्ट हो गया। स्थान अभाव में एमडीएम को कॉलेज मैनेजमेंट नहीं उठाता है और न ही कॉलेज में बनता है। इसकी इत्तला संबंधित शिक्षा विभाग को है।
-नेशनल गर्ल्स इंटर कॉलेज प्रधानाचार्या आरएन उस्मानी
यह तो बहुत ही गलत है। कॉलेजों को खाद्यान्न जमा होने पर नहीं लेना चाहिए था। इससे तो परिषदीय विद्यालयों में अनाज का अभाव हो जाएगा। इसकी जांच की जाएगी।
-जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनयमोहन
इंटर कॉलेज मैनेजमेंट उपभोग प्रमाणपत्र नगर शिक्षा अधिकारी के यहां जमा करता है। तब एबीएसए ही कॉलेजों को खाद्यान्न का आवंटन करते हैं। इसी के आधार पर जितना एलाटमेंट लिखा होता है, उतना खाद्यान्न देना होता है। आर्य कन्या व आर्य महिला इंटर कॉलेज ने जुलाई माह का खाद्यान्न यह कहकर मना कर दिया कि उनके पास पहले से ही अनाज पर्याप्त स्टॉक है।
गोदाम प्रभारी, तारीन टिकली, राकेश सक्सेना।