पिछले साल की तुलना में दोगुना खरीद
संतकबीर नगर: पिछले साल किसानों से पूरे खरीद सत्र में सिर्फ 3,864 एमटी खरीदा हुई थी लेकिन इस बार सिर
संतकबीर नगर: पिछले साल किसानों से पूरे खरीद सत्र में सिर्फ 3,864 एमटी खरीदा हुई थी लेकिन इस बार सिर्फ 27 दिन में ही इससे दोगुना यानी 6,693 एमटी गेहूं खरीदा जा चुका है। समर्थन मूल्य योजना के तहत एक अप्रैल से 15 जून तक जनपद में खाद्य विभाग के आठ, पीसीएफ के 35, यूपीएग्रो के तीन, कर्मचारी कल्याण निगम के दो तथा भारतीय खाद्य निगम(एफसीआइ)के एक यानी कुल 49 केंद्रों पर प्रत्येक कार्यदिवस में सुबह नौ बजे से शाम के छह बजे तक खरीद होनी है। अभी समय काफी है, खरीद और हो सकती है लेकिन एक महत्वपूर्ण बात यह है कि शासन से 76 हजार एमटी गेहूं खरीद करने के लिए भारी-भरकम लक्ष्य मिला हुआ है।खरीद नीति में ऐसी कई विसंगतियां हैं, जिसके चलते खरीद लक्ष्य का पूरा हो पाना आसान नहीं। एजेंसियों के समक्ष खरीद में क्या-क्या दिक्कतें हैं, इस पर डालते हैं एक नजर-
---------------------------
परिवहन दर ऐसा कि जेब से खर्च करने की नौबत
किसानों से गेहूं खरीदने के बाद केंद्र प्रभारियों को एफसीआइ के जंगलऊन स्थित गोदाम में गेहूं जमा करने के लिए प्रति ¨क्वटल लगभग 25 रुपया देना होता है। वहीं प्रभारियों को परिवहन खर्च के लिए प्रति ¨क्वटल सिर्फ 12 रुपये मिलता है। इस तरह प्रति ¨क्वटल परिवहन पर 13 रुपया इन्हें जेब से देना होता है। केंद्र प्रभारी यह कारण बता कर गेहूं खरीदने से इंकार कर दें तो प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों द्वारा मुकदमेबाजी की स्थिति झेलेंगे। कार्रवाई से बचने के लिए खरीदते हैं लेकिन परिवहन खर्च की भरपाई घटतौली कर पूरा करते हैं। बहरहाल नवागत डीएम मार्कण्डेय शाही ने इस पर उचित पहल किए जाने की बात कही है। ये फूड कमिश्नर-शासन से परिवहन दर बढ़ाने के लिए लगे हुए हैं, ऐसा नहीं लगता कि शासन से इस पर जल्द स्वीकृति मिल जाएगी और पहले की तुलना में परिवहन दर अधिक हो जाएगा।
कुछ सालों से समर्थन मूल्य योजना के तहत होने वाली सरकारी खरीद को बाजार से चुनौती मिल रही है। खरीद के समय बाजार का दर समर्थन मूल्य के करीब आ जा रहा है। वर्तमान समय में बाजार में गेहूं का खरीद दर 1,500 से 1,600 रुपये प्रति ¨क्वटल चल रहा है। गल्ला कारोबारी किसानों को कई विकल्प देते हैं। जैसे: खरीद के तुरंत पूरा भुगतान या फिर मांगने पर एडवांस भी। वहीं मौजूदा समय में खरीद कर आगे दर बढ़ने उस दर पर भुगतान करने की सुविधा देते हैं। इसके अलावा ये गांव में ही आ कर किसान का गेहूं उठा लेते हैं। इसलिए तमाम किसानों का झुकाव गल्ला कारोबारियों के तरफ होता है। जबकि इस बार गेहूं का समर्थन मूल्य प्रति ¨क्वटल 1,625 रुपया है तथा किसानों को प्रति ¨क्वटल दस रुपया सरकार पल्लेदारी खर्च भी दे रही है। इस तरह प्रति ¨क्वटल किसानों को गेहूं बेंचने पर 1,635 रुपया मिल रहा है लेकिन किसान केंद्र का चक्कर काटने, नमी सहित अन्य मानक का अड़ंगा, भुगतान में देरी सहित अन्य दिक्कतों से बचने के लिए गल्ला कारोबारियों के हाथों गल्ला बेंचना सही समझते हैं। डिप्टी आरएमओ विपिन राय ने कहा कि पिछले साल की तुलना में खरीद की स्थिति काफी अच्छी है, आगे भी इसी तरह किसान केंद्रों पर गेहूं बेंचने में दिलचस्पी दिखाएं तो पूरा न सही पचास फीसद खरीद हो सकती है।