बंधों का हाल देख उड़ने लगे हैं होश
संतकबीर नगर : जिले के तटीय क्षेत्रों खासकर घाघरा के किनारे बसे गांवों में तबाही मचाने हर वर्ष बाढ़ आ
संतकबीर नगर : जिले के तटीय क्षेत्रों खासकर घाघरा के किनारे बसे गांवों में तबाही मचाने हर वर्ष बाढ़ आती है। बचाव के बहाने लूट का खेल भी शुरू हो जाता है, लेकिन नदी के तटवर्ती इलाकों के लोग इससे मुक्ति नहीं पाते। इस बार भी ऐसी ही आशंकाएं जन्म ले रही हैं। हाल देखकर लग रहा है कि बांध फिर टूटेंगे और वे इसी की आड़ में एक बार और लुटेंगे।
धनघटा क्षेत्र में मकदूम पुर-बहराड़ाडी मार्ग की लंबाई 32 किमी है। बांध का मरम्मत कार्य अभी पूरा नहीं हो सका है इसलिए बस्तियों के उजड़ने का क्रम भी जारी है। इस बार भी एक दर्जन पुरवे बाढ़ के मुहाने पर हैं। एमबीडी बांध पर खतरा को देखते हुए अभी तक ठोस उपाय नहीं किए जा सके हैं। चपरा, अशरफपुर, तुर्कवलिया के साथ दर्जन भर गांव भयभीत हैं। सबसे अधिक समस्या तो बंधे के अंदर बसे लोगों के सामने है। धुसवा टोला व केवटहिया टोला के लोग काफी भयभीत हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कटान लगभग साल भर से हो रहा है। उसी समय से हम लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। घाघरा नदी हर वर्ष एमबीडी बांध को छूने के लिए आतुर रहती है। जल स्तर बढ़ते ही कटान होने लगती है। जलस्तर बढ़ने से तुर्कवलिया, चपरा पूर्वी, प्रजापतिपुर, मकदुमपुर प्रभावित होते हैं। जिलाधिकारी डा. सरोज कुमार ने बताया कि बाढ़ से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।