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देश को एकीकृत सोच की जरूरत: डा. धम्म

मेहदावल : सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक क्षेत्रों में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सभी ना

By Edited By: Published: Sat, 28 May 2016 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 10:46 PM (IST)
देश को एकीकृत सोच की जरूरत: डा. धम्म

मेहदावल : सामाजिक, धार्मिक और राजनैतिक क्षेत्रों में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करने के लिए सभी नागरिकों और राष्ट्रवादी संगठनों को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। दलित, शोषित और धर्मनिरपेक्ष शब्द राजनेताओं द्वारा पैदा किए शब्द हैं। देश को समग्र ¨चतन और एकीकृत सोच की आवश्यकता है। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।

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24 अप्रैल को सारनाथ से निकली धम्म चेतना यात्रा के शनिवार को मेहदावल पहुंचने पर कस्बा स्थित कुबेरनाथ मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय भिक्षु संघ के अध्यक्ष और राज्य सभा के पूर्व सांसद डा: धम्म वीरयो ने यह बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने डा. अंबेडकर के जीवन से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ घोषित कर सराहनीय कार्य किया है। बौद्ध वह है जिसे बोध हो जाता है। बोध हो जाने के बाद कोई दलित और शोषित नहीं कहा जा सकता है। भिक्षु संघ के प्रदेश अध्यक्ष शांत मित्र ने कहा कि धम्म चेतना यात्रा आरंभ करने का लक्ष्य समाज को सही दिशा दिखानी है। इसके पूर्व ग्राम बाराखाल के सामने बडी संख्या में लोगों ने यात्रा में शामिल बौद्ध भिक्षुओं का स्वागत किया। यात्रा प्रभारी आनंद शुक्ल, संयोजक संजीव राय, त्रयंबक नाथ त्रिपाठी, भाजपा जिलाध्यक्ष रामललित चौधरी, मदन नारायण ¨सह, राकेश ¨सह बघेल, वेद प्रकाश ¨सह, गजेंद्र नाथ राय, राजेश ¨सह,जगदंबा लाल श्रीवास्तव, दयाराम मिश्र आदि मौजूद रहे। यात्रा संयोजक संजीव राय ने बताया कि यात्रा दो दिनों तक जिले में भ्रमण करेगी।


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