14 गांवों में घुसा घाघरा का पानी
संतकबीर नगर : घाघरा नदी का जलस्तर दिनों दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे अब गांवों में भी जहां बाढ़
संतकबीर नगर : घाघरा नदी का जलस्तर दिनों दिन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इससे अब गांवों में भी जहां बाढ़ का पानी घुस गया है तो कुछ गांव बाढ़ के पानी से घिरने लगे है। इससे बंधे के अंदर बसे गांव के लोगों की दुश्वारियां बढ़ती नजर आ रही हैं।
तहसील क्षेत्र में बह रही घाघरा नदी का जल स्तर गुरुवार को 79.60 मीटर पर बह रहा था जो शुक्रवार को बढ़कर 79.70 पर पहुंच गया है। जब कि तुर्कवलिया में खतरे का निशान 79.40 माना गया है। इससे अब चौदह गांव जहां बाढ़ का पानी भरने के कारण गांव के लोगों को गांव से पलायन करना पड़ा है। वहीं तीन गांव के लोगों को पूरी तरह से पानी से घिर जाने के कारण घर से निकलना भी कठिन हो गया है। जब की बाढ़ की सुरक्षा के लिए प्रशासन पहले से चिल्ला रहा था कि पूरी तैयारी कर ली गई है। लेकिन बाढ़ आने के बाद प्रशासन के संसाधन बौने पड़ गए हैं। इस बाढ़ के पानी से भौवापार, गुनवतिया, ढोलबजा, सीयर कला, सीयाराम अधीन, कंचनुपर, सरैया, खरैया, तीघरा, पटौवा आदि गांव बंधे के अंदर बसे होने के कारण इन गावों मे बाढ़ का पानी पूरी तरह से भर गया है। जिससे गांव के लोग अब अपना घर छोड़ कर बंधे पर शरण ले लिए है। वहीं गुलरिहा, खालेपुरवा, मदरा गांव बाढ़ के पानी से घिर जाने के कारण गांव के लोगों का घर से निकलना कठिन हो गया है।
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पन्नी व रहने की व्यवस्था करवाया प्रशासन
धनघटा : गांव व घरों में बाढ का पानी घुसने के कारण चौदह गांव के लोग जो बंधे के अंदर बसे हुए है उनको घर छोड़ कर बंधे पर खुले आसमान के नीचे शरण लेना पडा है। इन बाढ पीड़ितों को सिर छुपाने के लिए पन्नी की व्यवस्थाकरवाया। एसडीएम रामजीवन ने बताया कि दो सौ लोगों को पन्नी दे दी गई है। 11 नाव को लगाया गया है। तीन नाव को तीघरा के पास सुरक्षित खड़ा किया गया है। तीघरा इंटर कालेज को बाढ़ शरणालय बनाया गया है जहां लाइट भोजन व रहने की समुचित व्यवस्था की गई है। जिससे बाढ़ पीडि़तों को कोई समस्या न होने पाए । मौके का जायजा एडीएम सत्येंद्र नाथ शुक्ला ने भी लिया है जिम्मेदारों को बाढ़ की सुरक्षा के लिए तत्पर रहने का निर्देश दिया है।