अब्राहम ¨लकन का जीवन शांति व एकता की मिसाल
धनघटा : दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को श्रीमती शंकर देई बालिका इंटर कालेज धनघटा में संस्का
धनघटा : दैनिक जागरण के तत्वावधान में मंगलवार को श्रीमती शंकर देई बालिका इंटर कालेज धनघटा में संस्कारशाला आयोजित हुई। संस्कारशाला में अमेरिका के सोलहवें राष्ट्रपति अब्राहम ¨लकन के जीवन पर विस्तार से चर्चा की गई। ईमानदारी व सज्जनता की मिसाल कायम रखते हुए सपनों को पूरा करने के लिए हिम्मत, आत्मविश्वास से बिना थके, बिना झुके, बिना रुके आगें बढ़ते रहने वाले महापुरुष के जीवन शैली से प्रेरणा लेने पर जोर दिया गया। संस्कारशाला को संबोधित करते हुए प्रबंधक भालचंद पाठक ने कहा कि अब्राहम ¨लकन एक गरीब परिवार में पैदा हुए। वह जन्म से ही मेधावी थे। अपने पिता के साथ बचपन मे हाथ बंटाने के साथ फुरसत के क्षणों में ही पढ़ाई करते थे। अंग्रेज गुलामों की तरह से भारतीयों के साथ व्यवहार करते थे जो उनको बुरा लगता था। वह गुलामी प्रथा के सख्त विरोधी रहे। प्रथा को समाप्त कर समानता के लिए संघर्ष किया। वकालत करते हुए कठिन परिश्रम के बाद 1860 मे संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। राष्ट्रपति बनने के बाद भी वह कई झंझावतों से संघर्ष करते रहे। स्वयं शांति प्रिय होने के साथ शांति व एकता का संदेश देना का कार्य किया। विरोधियों ने इसके बाद भी उनकी हत्या सन 1965 मे कर दी । उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने से पहले दो व्यापार में नाकाम हो चुके थे, अलग-अलग तरह के 8 चुनाव में हार चुके थे, फिर भी उन्होंने जीवन से हार नहीं मानी। उन्होंने कहा ¨लकन के ध्येय वाक्य साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं। अगर शांति चाहते हैं तो लोकप्रियता से बचिए।
कुछ करने की इच्छा वाले व्यक्ति के लिए इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर पहले हम ये जान लें कि हम कहा पर हैं और हम किस दिशा में जा रहे हैं, तो हमें क्या और कैसे करना चाहिए इसका बेहतर निर्णय कर सकते हैं।
संस्कारशाला से छात्राओ ने ली सीख स्कूल की छात्रा खुशबू ने कहा कि देश मे अब्राहम लिंकन ने जो अलख जगाया उससे हमें अपने पर निर्भर होने की सीख मिलती है। माया पांडेय ने कहा कि जो व्यक्ति परिश्रम के बल पर आगे बढ़ता है यह शिक्षा हर समय काम आने वाली है। स्मृति शुक्ला ने कहा कि संस्कारशाला में मानवता की सीख मिली। सीमा ने कहा कि उच्च पद पर रहते हुए सादगी की मिसाल प्रेरणा प्रद है। शशिप्रभा,अंजनी,जया, अनामिका ने कहा कि जागरण के कार्य सराहनीय अब्राहम ¨लकन अपने विरोधियों से मित्रता कर विरोध को नष्ट करने, अपने साथी नागरिकों का भरोसा न तोड़ने की सीख देने वाले महापुरुष थे। आज भी उनके विचार की प्रासंगिकता है। वकालत से कमाई की दृष्टि से देखें तो अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले अब्राहम ¨लकन ने बीस साल तक असफल वकालत की. लेकिन
उनकी वकालत से उन्हें और उनके मुवक्किलों को जितना संतोष और मानसिक शांति मिली वह धन-दौलत बनाने के आगे कुछ भी नहीं है। उनके वकालत के दिनों के सैंकड़ों सच्चे किस्से उनकी ईमानदारी और सज्जनता की गवाही देते हैं। जागरण ने संस्कारशाला में ऐसी हस्तियों के जीवन को शामिल करके नेक कार्य किए हैं।