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सात जानलेवा बीमारियों से इंद्रधनुष की लड़ाई शुरू

संतकबीर नगर : केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजना मिशन इंद्रधनुष बुधवार से जिले में प्रारंभ हो गई।

By Edited By: Published: Wed, 07 Oct 2015 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 07 Oct 2015 11:09 PM (IST)
सात जानलेवा बीमारियों से इंद्रधनुष की लड़ाई शुरू

संतकबीर नगर :

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केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजना मिशन इंद्रधनुष बुधवार से जिले में प्रारंभ हो गई। इस योजना के तहत बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कर उन्हें जानलेवा बीमारियों से बचाया जाएगा। इंद्रधनुष योजना को जिले में चार चरणों में संचालित किया जाना है। योजना के अंतर्गत दूरस्थ ग्रामीण एवं टीकाकरण से वंचित लोगों को लाभान्वित कर उन्हें पूर्ण प्रतिरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। इसी क्रम में योजना का प्रथम चरण अब जिले में शुरू हो चुका है। स्वास्थ्य महकमा इस मिशन को पूरा करने में जुट गया है। बुधवार को योजना का शुभारंभ मुख्य चिकित्साधिकारी आनंद प्रकाश श्रीवास्तव ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अगले पांच साल में देश भर के 90 फीसदी बच्चों तक टीके की सुरक्षा पहुंचाने का लक्ष्य मिशन इंद्रधनुष के तहत रखा है। इंद्रधनुष दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम है। जिसके अंतर्गत हमारे देश के 2 करोड़ 70 लाख बच्चों को सात घातक बीमारियों से बचाव के लिए निश्शुल्क जीवनरक्षक टीके लगाए जाने हैं। बाल्यावस्था की जिन बीमारियों की रोकथाम संभव है, टीके उनसे बचाव के सर्वाधिक किफायती उपायों में से हैं। एक असरदार टीका विशिष्ट संक्रामक बीमारी और उससे होने वाली जटिलताओं से बच्चों का बचाव करता है। टीके प्रतिरोधकों (एंटीबॉडीज) का संचार कर हमारे प्रतिरोधक तंत्र को संक्रामक रोगों से बचाव के लिए तैयार करते है। जिनसे संक्रमण का मुकाबला करने में मदद मिलती है। इनसे हमारे प्रतिरोधक तंत्र को अगली बार उसी रोगाणु की चपेट में आने पर उससे जल्द, ज्यादा शक्ति से और निरंतर मुकाबला करने में सहायता मिलती है। इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह मिशन इंद्रधनुष के तहत भी सात बीमारियों डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनस, पोलियो, टीबी, खसरा और हेपेटाइटिस-बी के टीके लगने हैं। चार चरणों में चलने वाली इस योजना का प्रत्येक चरण एक सप्ताह का होगा। जिसमे दूरुस्थ ग्रामीण, टीकाकरण से वंचित, घुमक्कड़ जातियों के बच्चों, ईंट-भट्टों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों, घरों का निर्माण करने वाले मजदूरों के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जायेगा। आंकड़ों की माने तो टीकाकरण कार्यक्रम अभी तक सिर्फ 65 फीसदी बच्चों तक पहुंच पाया है। बाकी के 35 प्रतिशत बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। पिछले चार साल से इस कवरेज में सिर्फ एक फीसद की दर से बढ़ोतरी हो रही है। इन्हीं आकड़ों को बढ़ाने एवं वंचितों को लाभान्वित करने के उद्देश्य के साथ जिले में इंद्रधनुष योजना प्रारंभ हुई है। इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बघौली पर चिकित्सक अनिल ¨सह ने बच्चों को टीका लगाकर शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहाकि परिजनों को स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होते हुए बच्चों के टीकाकरण में लापरवाही नही बरती चाहिए।

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विभाग ने की साथ जुड़ने की अपील

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एसएन त्रिपाठी का कहना है कि हमारे देश की आबादी के लगभग 35 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो किसी न किसी कारणवश टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। आगामी वर्ष 2020 तक टीकाकरण से लाभान्वित हुए लोगों की प्रतिशतता को 90 प्रतिशत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी के क्रम में जिले में इंद्रधनुष योजना प्रारम्भ की गई है । क्योंकि टीकाकरण के पश्चात बच्चों में 5 से 6 गुना बीमारी एवं मौत होने की संभावना कम हो जाती है। इंद्रधनुष योजना के तहत जिले के ऐसे पिछड़े क्षेत्रों और लोगों को चिन्हित किया कर लाभान्वित किया जा रहा है जो किसी न किसी कारणवश टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। योजना के तहत आशा एवं एएनएम घर घर जा कर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित कर रही हैं। क्षेत्रों में टीकाकरण हेतु सेंटर बनाए गए हैं जहां पर बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं को आसानी से टीके लग सकेंगे। जिन केंद्रों पर एएनएम नहीं हैं वहां अतिरिक्त एएनएम की व्यवस्था कर टीकाकरण कराया जा रहा है। योजना की सफलता के लिए लोगों को आगे आने की जरुरत है।

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इंद्रधनुष योजना के संचालित होने के ये हैं चार चरण -

पहला चरण - 7 से 14 अक्टूबर

दूसरा चरण - 4 से 11 नवम्बर

तीसरा चरण - 7 से 14 दिसंबर

चौथा चरण - 7 से 14 जनवरी


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