चुनाव-मतदाताओं की चुप्पी नहीं तोड़ पा रहे दावेदार
संतकबीर नगर: चुनावी बिगुल बजने के साथ ही जीत का लक्ष्य ले चुनावी समर में उतरे रणबांकुरों के लिए
संतकबीर नगर:
चुनावी बिगुल बजने के साथ ही जीत का लक्ष्य ले चुनावी समर में उतरे रणबांकुरों के लिए परीक्षा घड़ी बिल्कुल करीब आ गयी है। धन, बल व समय खर्च कर महीने भर के करीब गांव- गांव का खाक छानने वाले दावेदार मतदाताओं का रूख नहीं भाप पा रहे हैं। अब वे मतदान तक सभी अस्त्रों के प्रयोग के साथ चलते रहने की योजना पर अमल कर रहे हैं। साथ ही .काका . भइया लाज रखना की दुहाई दे रिश्तों को डोर मजबूत कर चुनावी वैतरणी पार करने की भावनात्मक चाल चलने भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। लेकिन जीत का लक्ष्य कौन साध रहा है? यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा।
प्रथम चरण में तीन तथा दूसरे चरण में बघौली व सेमरियावां विकास खंड में मतदान होना है। इसके लिए दर्जनों की संख्या में दावेदार हर हथकंडा अपना कर जीत का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरा जोर आजमाइश कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य में पार्टी व संगठन के नेताओं के साथ प्रभावशाली अपने प्रत्याशी को जितवाने के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। मतदाताओं से रिश्तों की डोर मजबूत कर प्रतिष्ठा बचाने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा पूर्व में इस सीट पर जीत चुके दावेदार भी हर हाल में फिर से विजयश्री हासिल करने के लिए हर दांव लगा रहे हैं। प्रचार में रोचक स्थिति देखने को मिल रही है। यहां पर लोग हाईप्रोफाइल व आम आदमी के बीच लड़ाई बता रहे हैं। एक ओर जहां रुपयों व गाड़ियों के काफिले ने अपनी फिजा बनाई तो वहीं दूसरी ओर लोगों से चंदा लेकर रिक्शा व ठेला के साथ एक अन्य प्रत्याशी को प्रचार करते देखा गया। बताते हैं कि उसने अपने पोस्टरों पर फला उर्फ गरीब लिखवा दिया है। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत पद के लिए बखिरा, मेड़रापार, पचेठी, बुंदीपार, लेड़ुआ- महुआ, अमरडोभा, बौरव्यास, शिवापार, शमदहा, करैली, कांटा मान ¨सह आदि स्थानों पर कांटे का संघर्ष देखने को मिल रहा है। चुनाव में यहां भी भैया- भाभी, काका- काकी के तीर से लक्ष्य साधने की जुगत हो रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर भी लड़ाई काफी रोचक तरीके से हो रही है। सेमरियावां क्षेत्र में 9, 10, 11, 12 पर लड़ाई काफी रोचक तरीके से चल रही है। कई गांवों में रिश्तों की डोर मजबूत करने के साथ ही सभी दांव खेले जा रहे है। एक जिला पंचायत सदस्य के दावेदार ने कहा कि काका लाज रखना गाड़ी मुश्किल में फंसी लग रही है। आप के आशीर्वाद से ही जीत मिलेगी। चुनावी जीत हासिल करने के लिए धन, बल, के बाद अब भावनात्मक दांव भी खेला जा रहा है। इन सबका कितना असर होता है, यह तो परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा।