Move to Jagran APP

अविश्वास का प्रस्ताव पास कर पुन: मतदान कराने की मांग

संत कबीर नगर : 11 माह से वेतन बकाया और उत्पीड़न समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय गांधी

By Edited By: Published: Sun, 05 Jul 2015 09:22 PM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2015 09:22 PM (IST)
अविश्वास का प्रस्ताव पास कर पुन: मतदान कराने की मांग

संत कबीर नगर :

prime article banner

11 माह से वेतन बकाया और उत्पीड़न समेत पांच सूत्रीय मांगों को लेकर क्षेत्रीय गांधी आश्रम मगहर के कर्मचारी पिछले पंद्रह दिन से हड़ताल पर हैं। मंत्री द्वारा समस्याओं के निदान को लेकर कोई पहल न किये जाने से नाराज प्रबंध समिति के छ: सदस्यों ने प्रधान कार्यालय के संचालक के समक्ष अविश्वास का पत्र सौंपा है।

वेतन बकाया, कटौती किये गये वेतन को भविष्य निधि खाते में जमा न किये जाने और कर्मचारियों के उत्पीड़न जैसी समस्या को लेकर गांधी आश्रम कर्मचारी एक पखवारे से हड़ताल पर हैं। गांधी आश्रम के मंत्री द्वारा समस्याओं पर ध्यान न दिये जाने से कर्मचारी निराश हैं। हालांकि इस समस्या को लेकर पूरा प्रबंध कार्यकारिणी बाहर से इनका समर्थन कर रही है। इन समस्याओं को लेकर प्रबंध समिति के छ: सदस्यों ने लखनऊ स्थित प्रधान कार्यालय के संचालक से मिल कर मंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपकर पुन: चुनाव कराने की मांग की है। बताते चलें कि आश्रम की प्रबंध समिति के द्वारा मंत्री पद का चुनाव संचालक सहित कुल दस सदस्य मिल कर करते हैं। इसमें से छ: सदस्यों के समर्थन से मंत्री पद समाप्त होने की संभावना प्रबल हो गई है।

- दूसरी बार अविश्वास की तलवार

गांधी आश्रम के वर्तमान मंत्री धर्मेन्द्र उपाध्याय को प्रबंध कार्यकारिणी दो बार चुनी है। पिछली बार भी इन्हीं समस्याओं को लेकर प्रबंध समिति के सदस्यों ने अविश्वास के माध्यम से मंत्री पद को समाप्त कराया था। फिर पुन: नये मंत्री सच्चिदानन्द तिवारी को सर्वसम्मति से मंत्री चुना गया था। इनका स्वास्थ्य सही न रहने के कारण पुन: मंत्री पद का चुनाव हुआ और एक बार फिर प्रबंध समिति ने विश्वास जगाते हुए पुन: धर्मेन्द्र उपाध्याय को मंत्री के पद पर आसीन कर दिया। इस बार भी कर्मचारियों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसको लेकर अविश्वास की बात सामने आ रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.