बाढ शरणालय पर अतिक्रमण करने वालों की नजर
संत कबीर नगर :तहसील क्षेत्र में स्थित बाढ़ शरणालय को लगभग चार दशक पहले इस सोच के साथ बनाया गया था क
संत कबीर नगर :तहसील क्षेत्र में स्थित बाढ़ शरणालय को लगभग चार दशक पहले इस सोच के साथ बनाया गया था कि दोआबा क्षेत्र में बाढ़ के समय लोगों को सुरक्षित व्यवस्था दी जा सकेगी। वर्ष 2013 में आई बाढ़ के समय कुछ अतिक्रमणकारी उस बाढ़ शरणालय पर अपना कब्जा जमा लिए। शरणालय पर कब्जा के साथ ही सामने पड़ी खाली जमीन को भी धीरे धीरे टीन शेड डाल कर हथियाने का प्रयास किया जा रहा है। अतिक्रमण को हटवाने के लिए नन्हिया के कुछ ग्रामीण तहसील से लगायत थाने तक का चक्कर लगाये लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अतिक्रमण हटवाने की मांग की है।
धनघटा कस्बे मे बाढ़ शरणालय का निर्माण चपरा बाढ़ शरणालय के नाम से चार दशक पहले कराया गया था। उस समय बाढ़ व अतिवृष्टि के समय बेघर हुए लोग उस भवन में आकर पनाह लेते रहे। भवन पुराना होने के कारण दिनों दिन जर्जर होने लगा। संयोग अच्छा था कि जब तहसील की स्थापना 1998 में की गई तो उस समय तत्काल भवन की व्यवस्था न होने के कारण तहसील को इसी भवन में स्थापित कर दिया गया। भवन बन कर जब वर्ष 2005 में तैयार हुआ तो उस समय तहसील को नए भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। अब यह भवन पूरी तरह से खाली होते ही अतिक्रमणकारियों की निगाह इस पर पड़ गई। सन 2013 की बाढ़ के समय कुछ लोगों को घर गिरने के बाद पनाह प्रशासन ने दिया तो वह अपनी जागीर समझ कर सामने की जमीन पर भी टीन शेड डालना शुरू कर दिए। नन्हिया के ग्रामीण दिग्विजय यादव, अलगू, पारस, आदि को पता चला कि गांव के ग्राम समाज की जमीन पर भी यह शरणार्थी अपना कब्जा जमा रहे हैं तो वह इसकी शिकायत तहसील से लगायत थाने तक किया लेकिन सब शिकायत ठंडे बस्ते में चली गई। अतिक्रमणकारी दबंगई के बल पर बाढ़ शरणालय व ग्राम समाज की खाली पड़ी जमीन पर अपना कब्जा टीन शेड व पक्का निर्माण कराकर कर रहे हैं। सूत्रो का कहना है कि इन लोगों को आवास व जमीन भी उपलब्ध करा दी गई है इसके बाद भी बाढ़ शरणालय से अपना कब्जा नहीं हटा रहे हैं। इस बाबत पूछने पर एसडीएम सतीश तिवारी ने बताया कि बाढ़ शरणालय पर अतिक्रमण करने की जानकारी मिली है। जल्द ही उसे अतिक्रमण से मुक्त कराने की व्यवस्था की जाएगी।