फसल नुकसान के अनुमान में देरी पर सवाल
संत कबीर नगर : बेमौसम बरसात से चौपट हुई फसलों के मुआवजे की उम्मीद किसान प्रदेश व केंद्र सरकार से ल
संत कबीर नगर : बेमौसम बरसात से चौपट हुई फसलों के मुआवजे की उम्मीद किसान प्रदेश व केंद्र सरकार से लगाए हुए हैं। आपदा से आहत किसान राहत पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। मुआवजा सूची में गांव व किसान का नाम है या न नहीं, सर्वे के लिए टीम कब जाएगी आदि बातों की जानकारी देने वाला कोई नहीं है। इस निमित तहसील मुख्यालयों पर बड़ी संख्या में किसान देखे रहे हैं। इसके उलट फसलों के नुकसान का अनुमान कब तक लगेगा, इस मुद्दे पर प्रशासनिक महकमा चुप्पी साधे हुए है। किसानों की हुई क्षति का अनुमान लगने में क्रमश: हो रही देरी से प्रशासन की मंशा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
फसल के नुकसान का प्रतिशत 33 फीसदी तक रहने पर मुआवजा दिए जाने का एलान भले ही कर दिया गया है, लेकिन सर्वे का मामला उलझा हुआ है। पूर्व में किए गए सर्वे में नुकसान का आंकड़ा कम होने रहने की स्थिति में यहां मुआवजे का भुगतान किसानों को नहीं किया जा सकता है। लगातार उठ रही मुआवजे की मांग के बीच अब प्रशासन द्वारा दोबारा सर्वे कराकर आंकड़ों को दुरुस्त करने की बात कही जा रही है। किसानों की मानें तो क्षेत्र में 50 प्रतिशत से ज्यादा गेहूं की फसल चौपट हो गई है। सरसो, बागवानी व जौ समेत दलहनी फसलें भी बारिश में 50 फीसदी से अधिक प्रभावित हुई हैं। किसानों का आरोप है कि सर्वे में हकीकत को दरकिनार कर झूठे आंकड़ों को सामने रखा गया, जिसके चलते उन्हें मुआवजा मिलने की उम्मीद टूट रही है। क्षेत्रीय सांसद शरद त्रिपाठी ने भी डीएम से वार्ता कर नुकसान का सर्वे शीघ्र कराकर दिलाने को कहा, लेकिन उसका असर भी नहीं दिख रहा। इसी तरह अध्यक्ष टास्क फोर्स, विशेष सचिव एवं महानिदेशक संस्थागत व वित्त शिव ¨सह यादव ने तेरह अप्रैल को कलेक्ट्रेट सभागार में बैंक पोषित योजनाओं की समीक्षा में जनपद में फसल क्षति का दोबारा आंकलन कराने का निर्देश दिया था। ऐसे किसान जिनकी फसल 33 फीसदी से अधिक नुकसान है, उनकी ऋण वसूली पांच वर्ष तक स्थगित करने को कहा। आवश्यकता पर ऐसे किसानों को पुन: ऋण देने का फरमान जारी किया। इसके बावजूद प्रशासन अभी किसानों के हित में एक कदम भी नहीं चल सका है।
शीघ्र आएगा परिणाम : डीएम
- इस बाबत डीएम अजय दीप ¨सह ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर लापरवाही नहीं है। पहली बारिश में जनपद में कम नुकसान हुआ था। इस आधार पर आंकलन किया गया। दूसरी बारिश में फसलों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है। इसलिए पुन: सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे का परिणाम शीघ्र आने की उम्मीद है। इसके बाद जो भी किसान शासन द्वारा निर्धारित मानक में आएगा, उसे मुआवजा दिया जाएगा।