सहकारी समिति भवन बदहाल, कामकाज प्रभावित
संत कबीर नगर : किसानों को सरकारी दर पर खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए स्थापित साधन सहकारी समितियों क
संत कबीर नगर :
किसानों को सरकारी दर पर खाद बीज उपलब्ध कराने के लिए स्थापित साधन सहकारी समितियों के भवन जीर्ण-शीर्ण हो गए हैं। दशा यह है कि कई वर्षो से इनकी मरम्मत तो दूर रंगाई पुताई तक नहीं हो सकी है। देखरेख के अभाव में उक्त भवन कमजोर होकर फटी दीवारों का ढाचा बनकर रह गए हैं।
सरकार द्वारा स्थापित साधन सहकारी समितियों के भवन और उनके संचालन की व्यवस्था बदहाली की मार झेल रहे हैं। अनेक स्थानों पर छत टपकने से यहां खाद और बीज को समय से पूर्व मंगाकर स्टाक करना कठिन कार्य साबित हो रहा है। अनेक भवनों पर तो पालीथीन की पन्नी तानकर समितियों के सचिव कार्य कर रहे हैं। बात महज भवन के जर्जर और गंदा होने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके कारण उपलब्धता के समय में खाद और बीज का भंडारण नहीं हो पा रहा है, जो बुवाई के समय किसानों के लिए समस्या बनकर सामने आता है। जर्जर भवनों में बैठना कर्मचारी सुरक्षित नहीं मानकर केंद्र के बाहर ही कुर्सी लगाकर डयूटी बजाते हैं। सांथा विकास खंड क्षेत्र में नमूना लिया जाय तो यहां कुल आठ साधन सहकारी समितियों के भवन बने हैं। यह मोतीपुर, सांथा, फुलवरिया, चवरही, धर्म¨सहवा, मेहदूपार और लेदवा श्रीपाल में हैं। इसमें से लेदवा श्रीपाल और सांथा में खाद हर वर्ष भीगकर थक्का बन जाने की शिकायतें उठती रहती हैं। मोतीपुर में तो लंबे समय से रंगाई पुताई और मरम्मत नहीं हो सकने से भवन पर काई और गंदगी जमी है। सांथा मे तो पालीथीन की पन्नी तानकर खाद और बीज के साथ ही खरीद किए गए धान और गेहूं को सुरक्षित रखा जाता है। यही हाल मेंहदावल विकास खंड क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों के भवनों का भी है यहां तो कई भवन पूरी तरह से निष्प्रयोच्य हो चुके हैं। क्षेत्रीय किसानों रामदीन, दशरथ, रामबदल मिश्र, शेषनाथ आदि ने किसानों के हितों की सुरक्षा करने वाली साधन सहकारी समितियों के भवनों और व्यवस्था को चाक-चौबंद कराने की मांग की है।