कबीर के परिनिर्वाण दिवस पर संतों का समागम
संत कबीर नगर : सदगुरू कबीर के परिनिर्वाण दिवस के दूसरे दिन शुक्रवार को देश के कोने-कोने से आए संतों
संत कबीर नगर : सदगुरू कबीर के परिनिर्वाण दिवस के दूसरे दिन शुक्रवार को देश के कोने-कोने से आए संतों के समागम से प्रांगण भरा रहा। महंत विचार दास के नेतृत्व में हुए सत्संग में कबीर के विचारों के साथ ही भजनों की बयार बही। इस दौरान संत कबीर के विचारों को सुनने के लिए भक्तों का जमावड़ा लगा रहा।
कबीर साहब के 497 वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन भी कबीर चौरा स्थली पर भारी संख्या में उनके अनुयायी पहुंचते रहे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कबीर चौरा प्रांगण में आयोजित सत्संग में देश के विभिन्न प्रांतों से आए संतों द्वारा कबीर के विचारों का श्रवण करने भारी संख्या में लोग पहुंचे। कबीर चौरा मठ के महंत विचार साहब ने अपने आशीर्वाद स्वरूप प्रवचन में कहा कि कबीर के विचार उस पुष्प के समान हैं जो कि अपनी सुगंध से बिना स्वार्थ के आसपास के वातावरण को सुगंधित करता रहता है। उनके विचारों का अनुसरण करके हर व्यक्ति स्वयं भी अपनी अंतरआत्मा को सुसज्जित करते हुए संसार में प्रेम और सदभाव का वातावरण पैदा कर सकता है। इसके अलावा कबीर मठ पहाडपुर चौरीचौरा के महंत राम चंदर साहेब ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अलावा वाराणसी से आए विमल बावरा एंड पार्टी, नोएडा के इंद्रदेव जी, सुखदेव दास, दिल्ली के मनोज भारती, गोंडा के कन्हैया दास ने कबीर के भजनों के माध्यम से सबको संदेश दिया। इसके अलावा संत कबीर इंटर कालेज मगहर ,इंटर कालेज सीहापार, ग्राम भरपहीं स्थित विद्यालय की छात्राओं द्वारा कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा हरिशरण शास्त्री ने किया। कार्यक्रम के बाद निर्वाण दिवस पर आए भक्तों के लिए आयोजित भंडारा में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।