समाज व साहित्य का रिश्ता अटूट : प्रो. केसी
संत कबीर नगर: साहित्य लोक मंगल की अभिव्यक्ति है। समाज और साहित्य का रिश्ता अटूट है। साहित्य ही समा
संत कबीर नगर:
साहित्य लोक मंगल की अभिव्यक्ति है। समाज और साहित्य का रिश्ता अटूट है। साहित्य ही समाज को मुसीबत से बचाता है। साहित्य दिलों को जोड़ता है। दूसरों के दुख में साझेदार होना साहित्य ही सिखाता है। साहित्य की ताकत समाज में चेतना प्रदान करती है।
उक्त बातें गुरुवार को एचआरपीजी कालेज में ¨हदी विभाग की ओर से आयोजित साहित्य व समाज विषयक व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ¨हदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. केसी लाल ने कहीं। उन्होंने कहा कि साहित्य की जरुरत आज के दौर में है। साहित्य के लिए लोगों के पास समय नहीं है, इसलिए इसकी चर्चा करनी पड़ रही है। समाज में संचेतना का संचार साहित्य ही कर सकता है। बदलते दौर में साहित्य की प्रासंगिकता कहीं ज्यादा है। प्रो. लाल ने सूचना क्रांति और विज्ञान के दौर साहित्य की चर्चा करते हुए कहा कि ज्ञान-विज्ञान की जितनी शाखाएं हैं, उनसे भौतिक सुख तो मिल सकता है, लेकिन आत्मिक सुख साहित्य ही दे सकता है। समाज का साहित्य से नाता बना रहे, यह मनुष्यता, मानवीयता, करुणा और प्रतिरोध के लिए जरूरी है। साहित्य को प्रतिरोध व विरोध का माध्यम बताते प्रो. लाल ने कहा कि साहित्य प्रतिपक्ष की भूमिका निभाता है। न्याय का पक्ष लेना, दुर्बल के साथ खड़ा होना साहित्य का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि साहित्य व शायरी बहुतों को मरने से बचा लेती है। महाकवि निराला, तुलसीदास, फिराक इसके उदाहरण हैं। साहित्य ने ही इन विभूतियों को जन्म दिया। आचार्य नरेंद्र देव पीजी कालेज बभनान के डा. प्रभाकर मिश्र ने कहा कि साहित्य करुणा और संवेदना की संवाहिका है। साहित्य के मूल में मानवता की ¨चता है। साहित्य मनुष्य के अहंकार का विसर्जित करने का कार्य करता है। मनुष्य के बिगड़े चित्त की चेतना का संस्कार साहित्य ही करता है। साहित्य एक कला है, जो हमें यशस्वी बनाती है। उन्होंने ¨चता व्यक्त करते कहा कि आज के दौर में आदमी को इंसान बनना मयस्सर नहीं है। साहित्य ही आदमी को इंसान बनाती है।
इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्चन व माल्यार्पण से हुआ। कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना और स्वागत गान प्रस्तुत किया। कालेज के प्राचार्य डा. अजय कुमार पांडेय ने अतिथियों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। ¨हदी विभागाध्यक्ष डा. सूर्य नाथ पांडेय ने अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन ¨हदी विभाग के उपाचार्य डा. प्रत्युष दूबे ने किया। इस मौके पर डा. संध्या राय, डा. प्रताप विजय कुमार, डा. ब्रजेश त्रिपाठी, सरिता राय सहित तमाम छात्र छात्राएं मौजूद रहीं।