बोले सो निहाल से गूंज उठा गुरुद्वारा
संत कबीर नगर : शहीदों के सिरताज हिन्द की चादर श्रीगुरु तेग बहादुर का तीन दिवसीय शहीदी पर्व बुधवार क
संत कबीर नगर : शहीदों के सिरताज हिन्द की चादर श्रीगुरु तेग बहादुर का तीन दिवसीय शहीदी पर्व बुधवार को खलीलाबाद स्थित गुरूद्वारा के गुरु¨सह सभागार में श्रद्धा व भक्ति पूर्वक प्रारंभ हुआ। निशान साहेब की सेवा के साथ गुरु साहब के दरबार में भव्य झांकी की सज्जा कर श्रीअखंड पाठ का शुभारंभ किया गया। पखवारे भर से निकल रही प्रभात फेरी व शोभा यात्रा का समापन कर गुरुवाणी दुहराई गई ।
सिखों के नवम गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में एक पखवारे से निकल रही शोभा यात्रा का समापन कर निशान साहब की सेवा हुई। इसके बाद गुरुद्वारा में ज्ञानी ने श्री अखंड पाठ का प्रारंभ किया। श्रीगुरु महिमा व पाठ श्रवण कर गुरु के समक्ष मत्था टेक मुरादे मांगी। मुराद पूर्ण होने की मंगल कामना कर अरदास रखी। सभी ने मानवता, सदाचार, आपसी सद्भाव, भाईचारे के पालन कर गुरु के बताए सदमार्ग पर चलने का संकल्प लिया। भजन-कीर्तन में श्रद्धालुओं का उत्साह बना रहा।
-------------------“----बच्चों ने दिखाया साहस
- शहीदी पर्व पर शामिल बच्चों ने भक्ति, साहस व वीरता की मिशाल पेश की। सबद भजन गाकर गुरु को नमन किया। जो काम बड़े न कर सके, वह हम करके दिखाएंगे भाव से मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत कर बच्चों ने समा बांधे रखा। इसकी भूरि-भूरि प्रशंसा की गई। श्रीगुरुके प्रति आदर व समर्पण का भाव प्रस्तुत किया। इसे देख संगत निहाल हो उठी। कार्यक्रम में महीप ¨सह, जसवीर ¨सह, हरप्रीत ¨सह, सत¨वदर कौर, मानक ¨सह, मनीत कौर, रसमीत कौर, अनिल पांडेय, र¨तदर आदि की प्रस्तुति सराहनीय रही।
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तेग बहादुर के चलत भयो जगत में शोक-
शहीदी पर्व पर गुरु के भजन-कीर्तन में लोगों का उत्साह बना रहा। ठीकर फोर दिलीस सिर, प्रभु पुर किया पयाना, तेग बहादुर सी किया करी न किन्हु आना। प्रभात फेरी में तेग बहादुर के चलत भयो जगत में शोक, है है है सब जग भयो, जै जै जै सुर लोक के साथ बोले सो निहाल की गूंज से वातावरण गुंजायमान रहा। गुरु तेग बहादुर सी क्रिया करी न किन्हु आन से महिमा बखान किया गया।
इस अवसर पर बीबी बलबंत कौर ने कहा कि सिख जाति, मजहब, सम्प्रदाय नही बल्कि सीख है। अ¨हसा व मानवता के संदेश का संवाहक है। हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए गुरु ने बलिदान देकर राष्ट्रीयता की रक्षा की। अध्यक्ष सरदार अजीत ¨सह ने कहा कि श्रीगुरु अत्याचारी शासन को जड़ से उखाड़ने वाले अपूर्व महात्मा रहे। श्रीगुरु की याद में विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं। सत¨वदर पाल ¨सह जज्जी ने कहा कि ख्याति प्राप्त रागी जत्थे, कवि दरबार सहित व साहसिक क्रिया कलापों के अलावा लंगर प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रम आयोजित हैं। इस अवसर पर सरदार हरिभजन ¨सह, हरिमहेंद्र पाल ¨सह रोमी, मदन ¨सह, सुरेंद ¨सह, प्रीतपाल ¨सह, जसवीर, नरेंद्र ¨सह, पर¨वदर ¨सह, धर्म ¨सह, त्रिलोचन ¨सह, हरदीप, मंजीज ¨सह, दलजीत ¨सह, रा¨जद्रर ¨सह, परमजीत कौर, रा¨जद्रर कौर, गुर¨वदर कौर, कमलजीत कौर सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
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घरों से सड़क तक माधुर्य माहौल
-शहीदी पर्व के शुभारंभ पर समूचा माहौल भक्तिमय बना रहा। शहीदी पर्व घरों से लेकर सड़क व गुरुद्वारा तक माधुर्य वातावरण कायम रहा। छोटे-बड़े सभी तन्मयता से भव्य झांकी सजाने से लेकर एक-एक कार्य को बेहतर बनाने में जुटे रहे। मुख्य गेट पर स्वागत, जलपान पंडाल, लंगर, भजन-कीर्तन व रागी कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे। छोटे-बड़े, बुजुर्ग एक-एक तैयारी में लगे रहे। संगत व अतिथियों के स्वागत आदि से लेकर झांकी बनाने, पुष्प-मज्लाओं की सच्जा, रंगोली बनाने, पुष्प वर्षा के फूल संजोने की तैयारी चलती रही। इसमें बच्चों को उत्साह देखते ही बन रहा था।
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कवि दरबार आज
-शहीदी पर्व के दूसरे दिन अखंड पाठ दिन में तो सायं काल सात बजे से गुरुवार को कबीर दरबार व कथानक होगा। सायंकाल दिल्ली के सुलखन ¨सह निराला का कार्यक्रम होगा। इसके बाद गुरु का लंगर होगा। शुक्रवार को अमृतसर के भाई गुरु देव ¨सह निमाणा, अकाल तख्त हजूरी गत्का पार्टी का कार्यक्रम होगा। अखंड पाठ की समाप्त के बाद अटूट लंगर व सायंकाल नगर कीर्तन में पंच प्यारे की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस मौके
पर तलवारी बाजी सहित अनेक उत्कृष्ट खेल होंगे।