व्रती महिलाओं ने दिया भगवान भाष्कर को अर्घ्य
जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर : पिछले चार दिन से चल रहे छठ महापर्व का अनुष्ठान गुरुवार को व्रती
जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर : पिछले चार दिन से चल रहे छठ महापर्व का अनुष्ठान गुरुवार को व्रती महिलाओं द्वारा भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने के साथ पूरा हो गया। अर्घ्य देने के लिए छठ घाटों पर अल सुबह श्रद्धा का सैलाब देखा गया। व्रती महिलाओं ने घाटों पर पूजन-अर्चन कर पुत्र प्राप्ति व उनके दीर्घायु की कामना पूíत के लिए वरदान मांगा। इस दौरान सजावट व प्रकाश से छठ घाटों की छटा मनोरम थी। नदी व तालाब के घाटों पर मेला जैसा नजारा रहा।छठ महापर्व पर नदी व तालाबों के घाटों पर सुबह आस्था उमड़ पड़ी। व्रती महिलाएं परिजनों संग ब्रह्म मुहूर्त से ही घाटों पर पहुंचने लगी। भगवान भाष्कर के उदय होने पर श्रद्धालुओं के जयकारा से घाट गूंज उठे। अर्घ्य देने के पश्चात एक दिन पूर्व से प्रसाद के लिए थालों में सजाई गई सामग्रियों का वितरण किया। कई महिलाओं ने छठ व्रत के छह व बारह वर्ष पूरे होने पर अनुष्ठान की पूर्णाहुति किया। कुछ व्रती महिलाएं जमीन पर लेटकर अर्घ्य देने घाट पर पहुंची। सामाजिक संगठनों द्वारा व्रती महिलाओं के लिए पानी एवं चाय की व्यवस्था की गई थी। हालांकि अधिकांश परिवारों के लोग चार लेकर व्रती महिलाओं का इंतजार करते देखे गए।
कुआनो, आमी, घाघरा व राप्ती तट पर छठ की गूंज
- जनपद की प्रमुख नदियों कुआनो, आमी, घाघरा, राप्ती नदी के तट पर छठ महापर्व की गूंज रही। मगहर में कबीर चौरा परिसर स्थित शिव मंदिर पर पूजन करके व्रती महिलाओं ने आमी तट पर अर्घ्य दिया। इसके साथ दुर्गा मंदिर के निकट पूजन किया। खलीलाबाद में बड़ा पोखरा, सुगर मिल एवं रेलवे स्टेशन के समीप घाट बनाया गया था, जहां व्रती महिलाओं ने अर्घ्य दिया। धनघटा तहसील क्षेत्र में कुआनो नदी के सिरसी, मूडाडीहा, डिहवा, अम्मादेई, मुखलिसपुर, घाघरा नदी के तट बिडहर घाट, रामपुर मकदूमपुर, चहोडा आदि स्थानों पर छठ पूजन कर अर्घ्य दिया गया। इसके साथ ही मुखलिसपुर मंदिर, नाथनगर, धायपोखर, काली जगदीपुर, पिडिया, लोहरैया, पौली, किया गया। चुरेब क्षेत्र में लहुरादेवा, पैली, बूधा, तेनुहारी गांव में महिलाओं ने छठ पर्व पर व्रत रख को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। मेहदावल में कुबेर नाथ पोखरा, पक्का पोखरे, ठाकुर द्वारा, गंगा सागर के अलावा राप्ती नदी के तटों, बखिरा, भंगेश्वरनाथ मंदिर, कोपिया, सोनबरसा पोखरा, सांथा, नंदौरा, बेलहर, लोहरौली, धर्मसिहवा, राजेडिहा आदि स्थानों पर व्रती महिलाओं ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया।
उगीं ए सुरज देव भइल बड़ी देर
-आस्था, श्रद्धा के इस महापर्व पर व्रती महिलाएं भक्ति गीत गाकर घाटों को मनोरम बनाई हुई थी । हे छठ माई अरघिया देकर विनती करली तुहार मन्नत पूरा करिहा हमार, उगीं ऐ सुरज देव भइल बढ़ी देर..जैसे लोक गीत से पूजन स्थलन पर वातावरण भक्तिमय बना रहा। मंगलगीत गाती महिलाएं घरों को लौटी।
प्रतिमा दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
-शहर के बड़़ा पोखरा स्थित पूजा पंडाल में स्थापित छह मइया के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। अर्घ्य के बाद भी पूरे दिन यहां दर्शन करने के लिए लोग आते रहे। प्रसाद चढ़ाने व प्रसाद लेने का सिलसिला दिन भरा चला। इसके साथ ही समय माता मंदिर, शिव मंदिर, दुर्गा मंदिर, रामजानकी मंदिर सहित विभन्न मंदिरों में पूजन व दर्शन किया गया।
प्रसाद पाने की होड़
महापर्व पर पूजन-अर्चन कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया। बड़ा पोखरा पर स्टाल लगाकर समिति के सदस्यों ने प्रसाद वितरित किया। सुगर मिल, रेलवे स्टेशन पूजा स्थल के साथ समय माता मंदिर, गोला बाजार में प्रसाद का वितरण किया है। यहां भारी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।