आप की आस्था ने घाटों का कर दिया यह हाल
जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर: सुख, समृद्धि व संतान प्राप्ति के लिए छठ मईया के त्योहार का समाप
जागरण संवाददाता, संत कबीर नगर:
सुख, समृद्धि व संतान प्राप्ति के लिए छठ मईया के त्योहार का समापन गुरुवार को हो गया। चार दिनों तक चलने वाला छठ पर्व सूर्य भगवान को समर्पित एकमात्र उत्सव है। सामाजिक-धाíमक संगठन द्वारा छठ पूजा के लिए बनवाए गए तालाबों, घाटों पर छठ व्रतधारियों ने पूजा-अर्चना कर मन्नत मांगी। इसके बाद पूजा स्थल पर अगरबत्ती , दीए, फल व अन्य सामग्री को छोड़ कर चले गए। इससे पूजा स्थल पर गंदगी का ढेर लगा हुआ है। इससे घाट तट व तालाब, पोखरे में गंदगी साफ नजर आ रहा है।
इस समय देश में स्वच्छता अभियान के तहत सफाई करने और जागरुकता फैलाने का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं आस्था की मार व्यवस्था पर भारी पड़ती नजर आ रही है। छठ पूजा के दौरान कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिला। नदी व पोखरों के किनारे पूजन के बाद हर तरफ गंदगी का अंबार लगा मिला। इससे स्वच्छता अभियान को गहरा झटका लग रहा है।
छठ पूजा के दौरान पोखरे और अन्य जलाशयों में गंदगी की बात उठाकर सफाई कराने के लिए मांग उठी थी। नगर पंचायत, ग्राम पंचायत और स्वयं सेवियों के द्वारा मिलकर सफाई का कार्य करने के बाद पोखरों पर अर्घ्य देने के लिए व्यवस्था बनायी गयी। बावजूद इसके पूजा के बाद उत्साह से पटाखे आदि फोड़ने के बाद सभी गुरुवार को व्रत समाप्त करने के बाद इसे साफ करने की जहमत नहीं उठाई गई। यहां फैली हुई पूजन सामग्री से गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जो स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है। खलीलाबाद के बड़ा पोखरा, सुगर मिल व समय माता मंदिर व रेलवे स्टेशन पर बने घाटों पर पसरी गंदगी आस्थावानों की लापरवाही उजागर करती है। बखिरा के भंगेश्वरनाथ पोखरा, कुबेरनाथ पोखरा, पक्का पोखरा पर यही आलम दिखा। मगहर के आमी तट पर भी पूजन सामग्री बिखरे दिखे। इस गंदगी की ¨चता न तो आस्थावानों ने, नहीं जिम्मेदार लोगों ने की। इस मुद्दे पर बातचीत में नागरिकों ने घाटों पर फैली गंदगी को अनुचित बताया और साफ सफाई पर जोर दिया।
-समाजसेवी हरिनारायण उपाध्याय गुड़डू बाबा का कहना था कि छठ पूजा समाप्त होने के बाद घाट व अन्य स्थानों की सफाई करनी चाहिए, जिससे पूजा स्थल साफ सुथरा रहे। इसके लिए पूजा स्थल पर आने वाले व्रती महिलाओं के परिजनों व स्थानीय लोगों को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने चाहिए। पूजा स्थल साफ के साथ ही अन्य स्थानों की साफ सफाई करना हमारी जिम्मेदारी है।
-बाल रोग विशेषज्ञ डा. रतन लाल ने कहा कि बीमारी से बचने के लिए सफाई बहुत ही जरुरी है। तालाब या पोखरे पर पूजा करने का रिवाज छठ के त्योहार में ही आता है। इसके बाद एक साल तक कोई भी पूजा करने के लिए इन स्थानों पर नही जाता है। लिहाजा यहां साल भर गंदगी पडी रहती है, और बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
-सत्येंद्र कुमार राय ने कहा कि पूजा स्थल पर गंदगी नही करना चाहिए और नही ही यहां कूड़ा छोड़ना चाहिए। इससे हमारी आस्था को ठेस पहुंचता है । छठ पूजा स्थल वाले स्थानों पर भले ही हम साल में एक बार पूजा करने जाते है, लेकिन यहां बराबर सफाई होनी चाहिए। जिससे सफाई व्यवस्था बनी रहे और त्यौहार पड़ने पर सफजई के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े।
छठ पूजा स्थल पर कूड़ा न करने का आग्रह करते हुए व्यापारी श्रीराम गुप्ता ने कहा कि छठ पूजा स्थल पर जो भी व्यक्ति अगरबत्ती, कपूर, हवन आदि सामग्री ले जाते है वह वापस आते समय इनके डिब्बे या प्लास्टिक मौके पर न छोड़ कूड़ा पात्र में डाले। इस से पूजा स्थल पर गंदगी नही होने पाएगी।