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घर पे तेरे पड़ी आज जो रोशनी, ये दीया है हमारा..

संतकबीर नगर : जनसाहित्यिक मंच के तत्वावधान में स्व. उमाकांत मिश्र की स्मृति में रविवार को हीरालाल इ

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 10:25 PM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 10:25 PM (IST)
घर पे तेरे पड़ी आज जो रोशनी, ये दीया है हमारा..

संतकबीर नगर : जनसाहित्यिक मंच के तत्वावधान में स्व. उमाकांत मिश्र की स्मृति में रविवार को हीरालाल इंटर कालेज में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान रचनाकारों ने काव्यगोष्ठी में खूब वाहवाही लूटी।

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काव्य गोष्ठी का शुभारंभ मुख्य अतिथि जेपी शुक्ल की रचनाओं से हुआ। उन्होंने- पाप से दूर रहो फिर भी अगर हो जाए जाने अनजाने मै तो उसका कफाराच्अच्छा.. सुनाकर खूब ताली बटोरी। इसके बाद रचनाकार शाद नंदौरी ने-कानूनन ही काम कराना मुश्किल है..पंक्ति सुनाकर देश में बढ रहे भ्रष्टाचार की तरफ इशारा किया। छबिराज राज ने- घर पे तेरे पड़ी आज जो रोशनी, ये दीया है हमारा तुम्हारा नही.. सुनाया। सरदार हरिभजन ¨सह ने- अपने दुख में रोने वाले मुस्कुराना सीख लें.. सुनाकर दु:ख बाटने की प्रेरणा दिया। स्व. उमाकांत मिश्र का स्मरण करते हुए हलीम मेहदावली ने- ऐसा नहीं कि बस मेरा ही मन उदास है.. सुनाया। कैलाश चंद्र दूबे चंचल ने- ¨जदगी तेरा क्या है भरोसा.. सुनाकर गोष्ठी को ऊंचाई प्रदान किया। अवधेश पांडेय व पवन सबा ने भी अपनी रचना प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता नर¨सह नारायण कमल ने की। इस दौरान आचार्य रामरक्षा भारती, राधेश्याम मिश्र, राजेंद्र बहादुर ¨सह, निरंकार प्रसाद शुक्ल, हरिराम यादव, बलभद्रनाथ तिवारी, मु. आसिम खान, राम भरोस पांडेय, ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत किया।


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