ऐसे मनाएं दीपावली
पर्यावरण संरक्षण की करें चिंता संतकबीर नगर : नेशनल साइंस एकेडमी में डीएनए क्लब के पूर्व संयोजक और
पर्यावरण संरक्षण की करें चिंता
संतकबीर नगर : नेशनल साइंस एकेडमी में डीएनए क्लब के पूर्व संयोजक और प्रवक्ता जगदीश चंद्र मिश्र ने कहा कि पटाखा फोड़ने से अनेक घातक गैस निकलती है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होती है। खुशी मनाने के लिए सिर्फ पटाखा छोड़ना ही एक मात्र माध्यम नहीं है, बल्कि और भी अनेक रास्ते हैं, जिनसे और भी उत्साह के बीच त्योहार मनाया जा सकता है। हमें दीपावली पर्व को मनाते समय पर्यावरण संरक्षण की चिंता करनी चाहिए।
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हृदय रोगियों पर करें रहम
-चिकित्सक डा. डीपीएन गुप्ता ने कहा कि पटाखे छोड़ने से तेज आवाज होती है जो हृदय रोगियों के लिए घातक हो सकती है। दीपावली दीप जला करके ज्ञान का प्रसार करने का पर्व है। इस अवसर पर समाज के जागरुक लोगों को आगे आकर अमनचैन के लिए मिल बैठकर मनाना चाहिए। पटाखे प्रदूषण पैदा करते हैं जो त्योहार की परंपरा के विपरीत है।
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धर्म का पालन कर मनाएं त्योहार
-ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि चंद्र शेखर सिंह ने कहा कि प्रचलित परंपरा के अनुसार दीपावली खुशियों का पर्व है। आतिशबाजी करने का कार्य तो बाद में जुड़ता चला गया। पहले तेज आवाज के पटाखे भी नहीं होते थे जो अब व्यवसायिकता के कारण बाजार में पटे पड़े हैं। इनके प्रयोग से कभी कभी दुर्घटना भी हो जाती है। उन्होने जागरण के पहल को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
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पटाखे जलाना जरूरी नहीं
-बेनी माधव इंटर कालेज बखिरा के प्रधानाचार्य राजकपूर तिवारी ने कहा कि पटाखे का प्रचलन भौतिकतावादी युग की देन है। इससे धन की बर्बादी तो होती ही है, खतरे की भी संभावना रहती है। सभी अभिभावकों को अपने परिवार के बच्चों को कम से कम पटाखे जलाने की सलाह देनी चाहिए।